India News (इंडिया न्यूज), Opperation Sindoor: पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के भीतर घुसकर एक साहसिक सैन्य अभियान को अंजाम दिया है। इस ऑपरेशन में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) समेत पंजाब प्रांत में स्थित कई ठिकानों को निशाना बनाया गया है। खासतौर पर पाकिस्तान के पंजाब में मुरीदके और बहावलपुर जैसे इलाकों पर हुए हमलों ने पाकिस्तान की रणनीतिक स्थिति को गहराई से प्रभावित किया है।
पहली बार पंजाब में भारतीय सेना की कार्रवाई
पिछले 54 वर्षों में यह पहली बार हुआ है जब भारतीय सेना ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के भीतर घुसकर हमला किया है। पाकिस्तान में सत्ता, न्यायपालिका, नौकरशाही और सेना जैसे प्रमुख संस्थानों पर पंजाबी मूल के लोगों का दबदबा है। ऐसे में पंजाब प्रांत में हमला करना पाकिस्तान की कमजोर नब्ज पर चोट करने जैसा है। इस कदम से पाकिस्तान के भीतर तक झटके महसूस किए जा रहे हैं।
मुरीदके और बहावलपुर पर सटीक हमला
भारतीय सेना ने लाहौर से 40 किलोमीटर दूर स्थित मुरीदके और बहावलपुर को अपने हमले का केंद्र बनाया। बहावलपुर में मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड मौलाना मसूद अजहर के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय स्थित है। भारतीय वायुसेना ने इस मुख्यालय को निशाना बनाते हुए बड़ा नुकसान पहुंचाया। इस हमले में मसूद अजहर तो बच गया, लेकिन उसके परिवार के 10 सदस्यों और 4 करीबियों समेत कुल 14 लोग मारे गए।
पहले के मुकाबले बदला रणनीतिक दृष्टिकोण
कारगिल युद्ध के दौरान पंजाब प्रांत जंग से अछूता रहा था। 1965 और 1971 की लड़ाइयों के दौरान ही इसे निशाना बनाया गया था। 2016 के उरी आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने पीओके स्थित आतंकी कैंपों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। इसके बाद 2019 में पुलवामा हमले का बदला बालाकोट एयरस्ट्राइक के जरिए लिया गया था, जो खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में था।
हालांकि, इस बार भारतीय सेना ने पंजाब प्रांत के भीतर घुसकर “ऑपरेशन सिंदूर” चलाया और लगभग 100 आतंकियों को मार गिराया।
ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवाद पर बड़ा प्रहार
भारतीय सेना ने इस ऑपरेशन को पूरी तैयारी और सटीकता के साथ अंजाम दिया। पहलगाम आतंकी हमले में निर्दोष नागरिकों की जान जाने के बाद यह जवाबी कार्रवाई बेहद जरूरी हो गई थी। ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल आतंकियों को बड़ी क्षति पहुंचाई, बल्कि पाकिस्तान की सुरक्षा तंत्र की कमजोरियों को भी उजागर किया।
पाकिस्तान को चेतावनी
यह हमला भारतीय सेना की बढ़ती सामरिक क्षमता और आतंकवाद के प्रति “जीरो टॉलरेंस” नीति को दर्शाता है। पाकिस्तान को साफ संदेश दिया गया है कि भारत अब अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। भारतीय सेना की इस कार्रवाई ने न केवल देश के भीतर बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी एक मजबूत संदेश दिया है। यह दिखाता है कि भारत अपने खिलाफ किसी भी आतंकी गतिविधि का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है।