India News (इंडिया न्यूज़), दिल्ली: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सनातन धर्म को लेकर तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन की विवादित टिप्पणी पर पलटवार करते हुए कहा कि मैं तमिलनाडु के उस मंत्री (उदयनिधि स्टालिन) की निंदा नहीं करना चाहता क्योंकि उन्होंने खुद को बेनकाब कर दिया है। लेकिन सवाल ये है कि क्या कांग्रेस पार्टी अब भी DMK के साथ गठबंधन में रहेगी। उन्होंने कहा कि यह राहुल गांधी के लिए एक परीक्षा है। उन्हें निर्णय लेना होगा कि वह सनातन धर्म का सम्मान करते हैं या नहीं। अगर वे कोई कार्रवाई नहीं करेंगे तो लोग मान लेंगे कि ये लोग हिंदू विरोधी हैं, इन्हें सनातन पसंद नहीं है।
वहीं बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि उदयनिधि स्टालिन के बयान से मोहब्बत की दुकानदार का असली किरदार अब पूरी तरह उजागर हो गया है। ये कोई आइसोलेशन में दिया गया बयान नहीं है…मुंबई में INDIA गठबंधन की बैठक के ठीक 24 घंटे बाद उन्होंने यह बयान दिया। इस पर अच्छी तरह से विचार किया गया था… मैं पूछना चाहता हूं कि उदयनिधि को यह पेपर किसने लिखकर दिया था? इसमें INDIA गठबंधन की क्या भूमिका है?
उदयनिधि स्टालिन ने सनातन पर की विवादित टिप्पणी
तमिलनाडू सरकार के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने शनिवार को सनातन धर्म पर विवादित टिप्पणी करते हुए कहा, ‘सनातन धर्म सामाजिक न्याय के विचार के खिलाफ है और इसे समाप्त किया जाना चाहिए। उदयनिधि स्टालिन ने आगे कहा, ‘सनातन धर्म मलेरिया और डेंगू की तरह है, इसलिए इसे खत्म किया जाना चाहिए, न कि इसका विरोध किया जाना चाहिए।’
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