India News (इंडिया न्यूज), Shiv Sena UBT: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद अब उद्धव ठाकरे की अगुआई वाली शिवसेना (यूबीटी) अपने मूल हिंदुत्व एजेंडे पर लौटती दिख रही है। चुनाव नतीजों के बाद कई ऐसे मौके आए हैं, जब उद्धव गुट ने इस बात के संकेत दिए हैं। दरअसल, हाल ही में शिवसेना उद्धव गुट ने अगस्त में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद पड़ोसी देश बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को लेकर केंद्र पर जोरदार हमला बोला है। शुक्रवार को वह मुंबई के दादर स्टेशन के बाहर स्थित ’80 साल पुराने’ हनुमान मंदिर की सुरक्षा के लिए आगे आए है, जिसे रेलवे ने गिराने का नोटिस दिया है। 

आदित्य ठाकरे ने की मंदिर में महाआरती

हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, शिवसेना यूबीटी नेता आदित्य ठाकरे ने मंदिर में महाआरती की, जिससे हिंदुत्व के मुद्दे पर भाजपा को घेरने की उनकी मंशा का संकेत मिला। इससे पहले 6 दिसंबर को शिवसेना यूबीटी के एक नेता ने बाबरी विध्वंस को लेकर एक पोस्ट लिखा था। जिसके बाद महाराष्ट्र में सपा ने महा विकास अघाड़ी गठबंधन छोड़ने का एलान कर दिया था। इसके बाद इस पर आदित्य ठाकरे ने प्रतिक्रिया भी दी थी उद्धव ठाकरे के करीबी सहयोगी और विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) मिलिंद नार्वेकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बाबरी मस्जिद विध्वंस की एक तस्वीर शेयर की थी और शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे का यह आपत्तिजनक उद्धरण भी पोस्ट किया था। 

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बांग्लादेश के मुद्दे पर केंद्र से किए तीखे सवाल

आपको बता दें कि शुक्रवार को उद्धव ठाकरे ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला था और जानना चाहा था कि पड़ोसी देश में समुदाय की सुरक्षा के लिए भारत ने क्या कदम उठाए हैं। पर्यवेक्षकों का कहना है कि ये कदम शिवसेना (यूबीटी) की नीति में एक और बदलाव का संकेत देते हैं, जिसने 2019 में अपने लंबे समय के सहयोगी भाजपा से नाता तोड़ लिया और कांग्रेस और एनसीपी से हाथ मिला लिया, लेकिन ‘मराठी मानुष’ के अपने नारे पर अडिग रही।

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