India News (इंडिया न्यूज)Amit Shah on waqf bill: लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पर बहस जारी है और विधेयक के समर्थन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने साफ कहा कि वक्फ बोर्ड में एक भी गैर मुस्लिम को शामिल नहीं किया जाएगा। मुसलमानों के धार्मिक मामलों में कोई हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा। अपने भाषण में शाह ने कहा कि आरजेडी नेता लालू यादव भी चाहते थे कि वक्फ कानून को मजबूत बनाया जाए, लेकिन कांग्रेस ने इसे पूरा नहीं किया, लेकिन पीएम मोदी ने किया।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में वक्फ पर चल रही बहस के दौरान राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के एक पुराने बयान का भी जिक्र किया। अमित शाह ने कहा कि लालू यादव ने तब वक्फ कानून के जरिए जमीन चोरी करने वालों को जेल भेजने की मांग की थी।
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आप लालू यादव की इच्छा पूरी नहीं कर सके: शाह
2013 में वक्फ संशोधन पर राजद प्रमुख लालू यादव की टिप्पणी का जिक्र करते हुए अमित शाह ने कहा, “तब उन्होंने कहा था कि वक्फ संपत्तियों के नाम पर चोरी रोकने के लिए एक मजबूत कानून की जरूरत है। लेकिन आप लालू यादव की इच्छा पूरी नहीं कर सके, लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी ने यह कर दिखाया। यह विधेयक पूर्वव्यापी प्रभाव से लागू होगा।” जमीन के सत्यापन को जरूरी बताते हुए उन्होंने कहा, “जमीन के मालिकाना हक का फैसला करने का अधिकार कलेक्टर को है। किसी भी जमीन का सत्यापन कलेक्टर को ही करना चाहिए। सत्यापन जरूरी है। अगर कलेक्टर वक्फ संपत्ति का सत्यापन करता है, तो इसमें किसी को क्या आपत्ति है?”
कलेक्टर की भूमिका का विरोध क्यों किया जा रहा है: अमित शाह
अमित शाह ने कहा, “कलेक्टर की भूमिका का विरोध क्यों किया जा रहा है, जो यह तय करेगा कि किसी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित किया जा सकता है या नहीं? सभी भूमि सौदों के लिए यही सही प्रक्रिया है। आपको यह साबित करना होगा कि वक्फ संपत्ति घोषित की जा रही भूमि सरकारी संपत्ति नहीं है।”
अमित शाह ने यह भी कहा कि अगर उन्होंने 2013 में बिल में संशोधन करके इसे और अधिक कठोर नहीं बनाया होता, तो इस बिल की जरूरत ही नहीं पड़ती। 2014 के चुनाव से पहले तुष्टिकरण के लिए उन्होंने लुटियंस दिल्ली की 123 बेशकीमती जमीनों को वक्फ संपत्ति के तौर पर दे दिया। उन्होंने दावा किया कि तमिलनाडु के तिरुचेंदूर मंदिर की 400 एकड़ जमीन वक्फ संपत्ति के तौर पर दे दी गई। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी जमीन को सिर्फ घोषित कर देने से वह वक्फ संपत्ति नहीं बन जाती। एएसआई, सरकार, आदिवासी समुदाय, निजी नागरिकों की जमीन कानून के तहत संरक्षित होगी।
सभी मुस्लिम समुदाय चाहे शिया, पसमांदा, अहमदिया, बोहरी हों, ट्रस्ट रजिस्टर कर सकते हैं, उन्हें वक्फ से गुजरने की जरूरत नहीं है। सीएए, अनुच्छेद 370, तीन तलाक, राम मंदिर निर्माण, मुसलमानों की नागरिकता जाने से जुड़े आरोपों पर अमित शाह ने सबूत मांगे और कहा कि उमर अब्दुल्ला मुख्यमंत्री के तौर पर जम्मू-कश्मीर पर राज कर रहे हैं।