India News (इंडिया न्यूज), Plane Hijack: इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC-123 ने दिल्ली के पालम एयरपोर्ट से करीब 135 यात्रियों और क्रू मेंबर्स को लेकर अपने गंतव्य के लिए उड़ान भरी थी। इस फ्लाइट को अमृतसर होते हुए श्रीनगर पहुंचना था। यह विमान अपने तय समय पर अमृतसर पहुंचा और फिर वहां से श्रीनगर के लिए रवाना हुआ। उड़ान भरने के कुछ देर बाद एक व्यक्ति अपनी सीट से उठा और विमान के कॉकपिट में घुस गया। इस व्यक्ति के हाथ में कुछ था, जिसे उसने कपड़े में लपेटा हुआ था।
इस तरह से शख्स ने प्लेन को किया हाईजैक
कॉकपिट में घुसते ही इस व्यक्ति ने फ्लाइट के कैप्टन वीके मेहता को धमकाते हुए कहा- विमान को हाईजैक कर लिया गया है… अब यह विमान श्रीनगर नहीं बल्कि लाहौर जाएगा। जब कैप्टन ने कुछ कहने की कोशिश की तो इस व्यक्ति ने अपने हाथ में मौजूद चीज दिखाते हुए कहा कि अगर तुम मेरी बात नहीं मानोगे तो मैं विमान को हैंड ग्रेनेड से उड़ा दूंगा। कैप्टन के पास अब कोई विकल्प नहीं बचा था, इसलिए उसने विमान को लाहौर की तरफ मोड़ दिया। अब तक कैप्टन एयर ट्रैफिक कंट्रोल को सिग्नल दे चुका था कि विमान को हाईजैक कर लिया गया है।
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लाहौर के ऊपर चक्कर लगाता रहा विमान
वहीं, दूसरी तरफ अपहरण का संकेत मिलते ही सभी भारतीय सुरक्षा एजेंसियों और कूटनीतिक चैनलों ने काम करना शुरू कर दिया था। एयर ट्रैफिक कंट्रोल के रडार ने अब तक बता दिया था कि विमान लाहौर की ओर बढ़ चुका है। इस बीच कूटनीतिक चैनलों के जरिए पाकिस्तान पर दबाव बनाया जा चुका था कि वह किसी भी कीमत पर इंडियन एयरलाइंस के इस विमान को लाहौर में न उतरने दे। अब तक विमान में सवार चालक दल और यात्रियों को भी पता चल चुका था कि उनके विमान को एक आतंकवादी ने अपहरण कर लिया है।
विमान के अंदर लड़ाई से यात्री घबरा गए
दिल्ली एटीसी से बातचीत खत्म होने के बाद कैप्टन ने अपहरणकर्ता को बताया कि लाहौर एयरपोर्ट पर उतरने की अनुमति मिल गई है और वे कुछ ही मिनटों में उतरने वाले हैं। विमान के उतरने के बाद ही अपहरणकर्ता को पता चला कि विमान लाहौर नहीं बल्कि अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरा है। अब अपहरणकर्ता चाहकर भी खुद को रोक नहीं सकता था। अपहरणकर्ता से बातचीत की प्रक्रिया शुरू की गई। शुरुआत में अपहरणकर्ता ने पंजाब की राजनीति से जुड़े लोगों से ही बात करने की शर्त रखी। लेकिन उसकी मांग नहीं मानी गई। अंत में प्रकाश सिंह मजीठा बातचीत के लिए आए।
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51 महिलाओं और तीन बच्चों को भेजा विमान से बाहर
बातचीत के दौरान अपहरणकर्ता को विमान में सवार महिलाओं और बच्चों को छोड़ने के लिए मना लिया गया। अपहरणकर्ता ने विमान में सवार 51 महिलाओं और तीन बच्चों को विमान से बाहर भेज दिया। इसी बीच पंजाब पुलिस का एक इंस्पेक्टर पायलट की वर्दी पहने हुए विमान में घुसने में सफल हो गया। उसने इशारों में कैप्टन वीके मेहता से कुछ बात की और अपहरणकर्ता का ध्यान भटकाने को कहा। अपहरणकर्ता का ध्यान भटकते ही इंस्पेक्टर ने उसे पकड़ लिया। इंस्पेक्टर और अपहरणकर्ता के बीच कुश्ती देखकर यात्री एक पल के लिए घबरा गए।
गनीमत रहा कि कैप्टन वीके मेहता की सूझबूझ और पंजाब पुलिस के इंस्पेक्टर की सूझबूझ के चलते 4 अगस्त 1982 को हुए इस विमान अपहरण को नाकाम कर दिया गया। साथ ही विमान में सवार सभी 135 यात्रियों और चालक दल को सुरक्षित बचा लिया गया। यहां आपको बता दें कि इस विमान में सवार 135 यात्रियों में से 70 यात्री विदेशी नागरिक थे।