(इंडिया न्यूज़, An Unforgettable story of Mulayam Singh Yadav):  समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की हालत बेहद नाजुक बताई जा रही है। 82 वर्षीय मुलयम सिंह यादव को गुरुग्राम के मेदांता अस्पातल के ICU में वेंटीलेटर पर रखा गया है। आपको बता दें पिछले एक सप्ताह से अस्पातल में भर्ती है। इस बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने अखिलेश यादव से बात करके मुलायम सिंह यादव के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली है। सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री ने सपा अध्यक्ष से यह भी कहा कि जिस भी संभव सहायता की जरूरत होगी, वह उसके लिए मौजूद हैं।

आपको बता दें,मेदांता अस्पताल से जुड़े सूत्रों ने बताया कि सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के लिए अगले 24 घंटे बेहद अहम हैं। डॉक्टरों के मुताबिक, मुलायम सिंह की तबीयत अभी स्थिर बनी हुई है, लेकिन दवाओं का असर देखने के लिए उन्हें अगले 24 घंटे का इंतजार है।

आज हम आपको मुलायम सिंह यादव के जीवन से जुड़ा एक ऐसा किस्सा बताने जा रहे हैं, जिसे शायद मुलायम कभी न भूले हो।

बात है साल 1996 की

मुलायम सिंह यादव एक सफल राजनेता में से एक है। मुलायम के लिए साल 1996 में उनके राजनैतिक करियर के लिए कभी न भुलाने वाला रहा है। वह इस साल को कभी भी अपनी ज़िंदगी में याद नहीं करना चाहेंगे। बता दें कि, मीडिया रिपोर्ट्स और कई सियासी विशेषज्ञों द्वारा दावा किया जाता है कि इस वर्ष प्रधानमंत्री पद के लिए मुलायम सिंह यादव के नाम पर मुहर लग गई थी। कहा जाता है कि शपथ ग्रहण की तारीख और समय सब कुछ निश्चित हो गया था। सियासी विशेषज्ञों की माने तो मुलायम की प्रधानमंत्री पद की शपथ के लिए सब कुछ तय हो गया था लेकिन ऐन वक्त पर लालू प्रसाद यादव अपनी बेटी की शादी अखिलेश यादव से करना चाह रहे थे।

इस बात का पता जब अखिलेश को चला तो उन्होंने डिंपल से शादी की बात कही। जिस पर मुलायम ने पूरी कोशिश की, लेकिन जब अखिलेश नहीं माने तब लालू प्रसाद यादव और शरद यादव ने समर्थन नहीं दिया। जिसके कारण मुलायम सिंह यादव की जगह एचडी देव गौड़ा का प्रधानमंत्री का शपथ दिलाया गया। मुलायम सिंह यादव राजनैतिक करियर में सबसे सफल राजनेता रहे है। लेकिन साल 1996 को शायद ही मुलायम कभी याद करें.