इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : आपको बता दें, वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद मामले में जिला कोर्ट ने अहम फैसला दिया है। मस्जिद परिसर में मिले शिवलिंग की पूजा की मांग और मुस्लिमों की एंट्री पर बैन की मांग करने वाली याचिका को कोर्ट ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है।
ज्ञात हो,वाराणसी कोर्ट को याचिका स्वीकार करने या खारिज करने को लेकर फैसला लेना था। गुरुवार को वाराणसी कोर्ट ने याचिका को सुनवाई के लायक मानते हुए इसे स्वीकार कर लिया। कोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 2 दिसंबर की तारीख दी है।
3 मांगों को लेकर दायर की गई है याचिका
आपको बता दें, जिस याचिका को कोर्ट ने स्वीकार किया है, उसको किरण सिंह बिसेन नाम के शख्स ने दायर किया है। इस याचिका में ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग होना का दावा करते हुए ये 3 मांगे की गई हैं।
ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मिले कथित शिवलिंग की पूजा करने की इजाजत दी जाए।
ज्ञानवापी मस्जिद का पूरा परिसर हिंदू पक्ष को सौंपा जाए।
मुसलमानों की ज्ञानवापी मस्जिद में एंट्री को बैन किया जाए।
24 मई को दायर की गई थी याचिका
जानकारी हो, ज्ञानवापी में पूजा करने को लेकर याचिका 24 मई को दायर की गई थी। सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत को इस पर 8 नवंबर को फैसला सुनाना था। मामले की सुनवाई कर रहे जज महेंद्र पांडेय के छुट्टी पर जाने के चलते पहले 14 नवंबर की तारीख दी गई थी। इसके बाद ऑर्डर तैयार ना होने की बात कहते हुए अदालत ने इस मामले में 17 नवंबर की तारीख लगा दी थी। आज यानी 17 नवंबर को कोर्ट ने फैसला देते हुए याचिका को स्वीकार कर लिया।
क्या है ज्ञानवापी विवाद
आपको बता दें, वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में वजुखाने के पास मिले एक पत्थर को लेकर हिंदू पक्ष की ओर से दावा किया है। वो शिवलिंग है, ऐसे में इस परिसर को मंदिर माना जाए। वहीँ मुस्लिम पक्ष का कहना है कि ये वजूखाना के अंदर का एक फव्वारा है। हिन्दू पक्ष मस्जिद में पूजा करने के लिए इजाजत की मांंग कर रहा है। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि मस्जिद में दशकों से नमाज पढ़ी जा रही है और इसमें कोई तब्दीली नहीं की जानी चाहिए।