इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Army Women Officer सेना ने शुक्रवार को 39 महिला अफसरों को स्थायी कमीशन (permanent commission) दिया। अधिकारियों ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने सेना से इन अधिकारियों को एक नवंबर तक स्थायी कमीशन देने का निर्देश दिया था। इससे पहले सेना की महिला अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर अपील की थी कि वह (कोर्ट) इस संबंध में सेना को आदेश दें कि उन्हें स्थायी कमीशन दिया जाए।
Army Women Officer सुप्रीम कोर्ट ने दिया था आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने गत 25 अप्रैल को अपना एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा था कि जिन महिलाओं को स्पेशल सेलेक्शन बोर्ड में 60 प्रतिशत से अधिक अंक मिले हैं और जिनके खिलाफ अनुशासनहीनता और विजिलेंस के मामले नहीं हैं उन महिला अधिकारियों को सेना परमानेंट कमीशन दे। लेकिन इसके बावजूद किसी ना किसी वजह से महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन नहीं मिल पा रहा था। इसके बाद 10 अगस्त को इन महिलाओं ने रक्षा मंत्रालय और सेना को कानूनी नोटिस भी भेजा था। हालांकि, जब उन्हें इसका जवाब नहीं मिला तब उन्होंने शीर्ष न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
Army Women Officer जानिए केंद्र ने मामले में सुप्रीम कोर्ट में क्या कहा था
अदालत में केंद्र सरकार ने कहा था कि 72 महिला अफसरों में से 39 को स्थायी कमीशन देने का फैसला किया गया है। सरकार के मुताबिक 72 में से एक महिला अफसर ने सर्विस से रिलीज करने की अर्जी दी है। 71 महिला अफसरों में से भी कई अन्य स्थायी कमीशन के लिए उपयुक्त नहीं हैं। जिसके बाद इनमें से 39 महिला अफसरों को स्थायी कमीशन दिये जाने की बात कही गई थी।
Army Women Officer सेना में रिटायरमेंट तक करियर है स्थायी कमीशन का मतलब
स्थायी कमीशन का अर्थ सेना में रिटायरमेंट तक करियर है, जबकि शॉर्ट सर्विस कमीशन 10 साल के लिए होता है। इसमें अधिकारी के पास 10 साल के अंत में स्थायी कमीशन छोड़ने या चुनने का विकल्प होता है। यदि किसी अधिकारी को स्थायी कमीशन नहीं मिलता है तो अधिकारी चार साल का विस्तार चुन सकता है।