India News (इंडिया न्यूज), Arvind Kejriwal: दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार (6 जुलाई) को जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता को उनके मेडिकल रिकॉर्ड देखने की अनुमति दे दी। उन्हें स्वतंत्र रूप से उनकी ओर से मेडिकल बोर्ड या डॉक्टरों से परामर्श करने और सलाह लेने की भी अनुमति दे दी। साथ ही अदालत ने अरविंद केजरीवाल की उस अर्जी को खारिज कर दिया। जिसमें उन्होंने जेल अधिकारियों को डॉक्टरों से परामर्श के दौरान सुनीता केजरीवाल को उनकी अटेंडेंट बनने की अनुमति देने का निर्देश देने की मांग की थी। विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को किसी अस्पताल में भर्ती नहीं कराया गया है।
कोर्ट ने आदेश में क्या कहा?
कोर्ट ने कहा कि नियमों के अनुसार जेल अधीक्षक द्वारा प्रभारी चिकित्सा अधिकारी के परामर्श से विचाराधीन कैदी के साथ परिवार के किसी सदस्य को अटेंडेंट के रूप में तभी अनुमति दी जाती है, जब कैदी अस्पताल में भर्ती हो।अदालत ने कहा कि इस अदालत को जेल नियमों के खिलाफ जाकर आवेदक अरविंद केजरीवाल के लिए अपवाद बनाने का कोई कारण नहीं दिखता।खासकर जेल अधिकारियों के इस तर्क के मद्देनजर कि कई अन्य कैदी भी आवेदक की तरह ही बीमारी का इलाज करा रहे हैं। उन्हें किसी अटेंडेंट को रखने की अनुमति नहीं दी गई है। अदालत ने कहा कि जेल अधिकारियों को कोई आपत्ति नहीं है और कार्यवाही के दौरान मुख्यमंत्री इस बात पर सहमत हुए कि उनके मेडिकल रिकॉर्ड संबंधित अधिकारियों द्वारा उचित रूप से साझा किए जा रहे हैं।
केजरीवाल की पत्नी देख सकेंगी मेडिकल रिपोर्ट
अदालत ने कहा कि अरविंद केजरीवाल के परिवार के सदस्य उन्हें एम्स के मेडिकल बोर्ड द्वारा निर्धारित आहार के अनुसार घर का बना खाना उपलब्ध करा रहे हैं। न्यायालय ने आगे कहा कि जहां तक आवेदक की अपनी पत्नी को डॉक्टरों के साथ अपनी चिकित्सा बैठकों/परामर्शों के चिकित्सा रिकॉर्ड उपलब्ध कराने के संबंध में प्रार्थना का संबंध है। उसे अनुमति दी जाती है और जेल अधिकारियों को आवेदक के चिकित्सा रिकॉर्ड उपलब्ध कराने का निर्देश दिया जाता है।न्यायालय ने कहा कि अरविंद केजरीवाल और उनके अधिवक्ता ने बताया कि यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक था कि उनका निर्धारित आहार ठीक से तैयार किया गया हो।