India News (इंडिया न्यूज़), Arvind kejriwal, दिल्ली: 18 जुलाई बेंगलुरु में 26 विपक्षी दलों की बैठक हुई। इसमें 2024 लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा को हारने की योजना पर बातचीत हुई। विपक्ष दलों के गठबंधन का नाम रखा गया। Indian National Developmental Inclusive Alliance यानि इंडिया नाम पर सहमति बनी। इस बैठक से पहले कांग्रेस ने दिल्ली पर केंद्र सरकार के अध्यादेश अपना रुख साफ किया। कांग्रेस ने अध्यादेश का विरोध करने पर सहमति जताई। कयास लग रहे थे की अगर कांग्रेस स्थिति साफ नही करेगी तो केजरीवाल बैठक में नहीं जाएंगे। लेकिन रुख साफ होने पर केजरीवाल गए।

  • सूत्रों ने दी जानकारी
  • कांग्रेस नेताओं ने जताई नारजगी
  • संयमित रहने को कहा गया

द इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया कि मंगलवार को विपक्षी दलों की बेंगलुरु बैठक के बाद आम आदमी पार्टी (आप) नेतृत्व ने अपनी सोशल मीडिया टीम से कांग्रेस के खिलाफ कोई ट्वीट नहीं करने और समग्र रूप से संयमित रुख अपनाने को कहा है। वहीं कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से विपक्षी दलों की बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बेंगलुरु संबोधन को ट्वीट करना कांग्रेस की राज्य इकाई के नेताओं को पसंद नहीं आया।

पंजाब के लिए मुख्य लड़ाई

सूत्रों के अनुसार, पटना में हुई पहली विपक्षी बैठक के दौरान सोशल मीडिया के साथ-साथ प्रेस में आम आदमी पार्टी नेताओं द्वारा दिए गए पार्टी विरोधी बयानों के विशिष्ट उदाहरणों के बारे में अरविंद केजरीवाल को बताया था। इसके बाद ही केजरीवाल ने अपनी सोशल मीडिया टीम को कांग्रेस पर हमलों से दूर रहने के निर्देश दिए। AAP के एक सूत्र ने कहा, ‘सोशल मीडिया टीम को निकट भविष्य में कोई भी कांग्रेस विरोधी पोस्ट न डालने के निर्देश दिए गए हैं।’ AAP की पंजाब और दिल्ली इकाइयों ने आगे सबसे ज्यादा मुश्किल है क्योंकि दोनों राज्यों में दोनों का वोट बैंक एक ही है।

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