India News (इंडिया न्यूज), Yamuna River: दिल्ली में विधानसभा चुनाव के दौरान यमुना नदी की सफाई राजनीतिक दलों के बीच बड़ा चुनावी मुद्दा बन गई थी। अब चुनाव खत्म हो चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) चुनाव जीत चुकी है, दिल्ली में नई सरकार का गठन होना बाकी है। लेकिन यमुना नदी की सफाई का काम सरकार बनने से पहले ही हो चुका है। गंदे नाले में तब्दील हो चुकी यमुना नदी की सफाई के बारे में अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन जिस तरह से प्रयास शुरू हुए हैं, उसे देखकर लगता है कि दिल्ली की लाइफलाइन कही जाने वाली यमुना नदी के अच्छे दिन आने वाले हैं।
यमुना में सफाई अभियान शुरू
नए सफाई अभियान के तहत रविवार (16 फरवरी, 2025) से सरकारी पहल की शुरुआत हो गई है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि, केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली में अभी नई सरकार का गठन नहीं हुआ है, इसके बावजूद उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना पूरे एक्शन में नजर आ रहे हैं। उन्होंने दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को समय रहते यमुना नदी की सफाई करने के निर्देश दिए हैं।
इस अधिकारी को मिली बड़ी जिम्मेदारी
बताया जा रहा है कि, दिल्ली सरकार के बाढ़ और सिंचाई विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव नवीन चौधरी को यमुना की शुरुआती सफाई की जिम्मेदारी दी गई है। इस अभियान के तहत 2 तरह की कार्ययोजना बनाई गई है। पहली कार्ययोजना पर रविवार से काम शुरू हो गया है, जिसके तहत फिलहाल कूड़े का निपटान किया जा रहा है।
ठोस कचरों को निकाला जाएगा बाहर
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सबसे पहले दिल्ली में वजीराबाद से ओखला तक यमुना नदी में फैले ठोस कचरे को बाहर निकाला जाएगा। मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली में यमुना नदी में कितना कचरा फैला है, इसका अभी कोई निश्चित आंकड़ा नहीं है। ऐसे में काम शुरू होने के बाद ही पता चलेगा कि इस ठोस कचरे के निपटान में कितना समय लगेगा।
तैयार किया गया 100 दिनों का रोडमैप
10 फरवरी को दिल्ली सचिवालय में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक हुई। मुख्य सचिव ने सभी विभागों को नई सरकार द्वारा विकसित दिल्ली संकल्प पत्र 2025 के संदर्भ में अपने-अपने विभागों के लिए 100 दिन की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इस दिशा-निर्देश में यमुना की सफाई का काम भी शामिल है। इसके साथ ही नदी में सीवेज के प्रवाह को रोकने के उपाय करने के भी निर्देश दिए गए हैं। दिल्ली जल बोर्ड को राजधानी की कॉलोनियों और क्षेत्रों में किसी भी प्रकार के सीवेज के प्रवाह को रोकने के लिए उचित उपाय करने के निर्देश दिए गए हैं।