India News (इंडिया न्यूज), Waqf Amendment Act: गुरुवार 17 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने लगातार दूसरे दिन वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की। कोर्ट ने केंद्र सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए 7 दिन की समय सीमा दी है और कहा है कि इस दौरान वक्फ संपत्तियों में कोई नई नियुक्ति या बदलाव नहीं होगा।

कोर्ट की सुनवाई पर AIMIM प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पहली प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा, “हम वक्फ संशोधन अधिनियम को पूरी तरह से असंवैधानिक मानते हैं। सुप्रीम कोर्ट का यह कहना कि ‘वक्फ बाय यूजर’ को हटाया नहीं जा सकता और कोई नई नियुक्ति नहीं होगी, हमारे लिए राहत की बात है।”

असदुद्दीन ओवैसी का बयान

असदुद्दीन ओवैसी ने यह भी बताया कि उन्होंने खुद इस अधिनियम के खिलाफ याचिका दायर की है और यह कानूनी लड़ाई जारी रहेगी। ओवैसी ने संसद और जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) में भी इस अधिनियम का खुलकर विरोध किया था।

ओवैसी ने वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 को संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 25 और 26 का उल्लंघन बताया। उन्होंने कहा, “संविधान सभी नागरिकों को समानता, धार्मिक स्वतंत्रता और अपने धार्मिक संस्थानों को संचालित करने का अधिकार देता है। यह कानून इन मौलिक अधिकारों के खिलाफ है।”

वक्फ को लेकर कोर्ट में 73 से ज्यादा याचिकाएं

इस अधिनियम के खिलाफ अब तक सुप्रीम कोर्ट में 73 से ज्यादा याचिकाएं दाखिल की जा चुकी हैं। कोर्ट ने फैसला किया है कि अगली सुनवाई, जो 5 मई 2025 को होगी, में सिर्फ 5 याचिकाओं पर ही प्रारंभिक सुनवाई की जाएगी। बाकी याचिकाएं आवेदन के तौर पर लंबित रहेंगी।

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आपको बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि जवाब दाखिल होने तक किसी भी वक्फ को डिनोटिफाई नहीं किया जाएगा और किसी भी कलेक्टर को नहीं बदला जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि स्थिति वैसी ही रहेगी जैसी पहले थी।

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