India News (इंडिया न्यूज), Assam: असम की एक जेल के बाहर नीली टी-शर्ट और डेनिम पहने एक व्यक्ति व्हीलचेयर पर लेटा हुआ था। 27 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो चुकी थी। परिवार से शव को घर ले जाने को कहा गया। दरअसल शैलजा बोरगोहेन को पारिवारिक झगड़े से जुड़े एक मामले में तीन दिन पहले डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल लाया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, टिंगखोंग के लेंगेरी में 2 नंबर गांधीया पुरोनी गांव के निवासी इस व्यक्ति की जेल में रहस्यमय तरीके से मौत हो गई।

जमानत कराने पर मिला शव

बता दें कि, गुरुवार (13 जून) को उसे जमानत मिल गई और उसका परिवार उसे घर ले जाने आया। इसके बजाय, वह मर चुका था और जेल अधिकारियों ने उसे व्हीलचेयर पर इस तरह से बिठाया था जैसे वह केवल बीमार हो। जिसके बाद जेल के सामने माहौल गरमा गया और परिवार ने शव लेने से इनकार कर दिया और दावा किया कि यह हिरासत में हुई मौत है। वहीं डिब्रूगढ़ पुलिस स्टेशन के प्रभारी राजू बहादुर छेत्री के नेतृत्व में एक टीम आई और शव को पोस्टमार्टम के लिए ले गई।

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पुलिस का अमानवीय चेहरा आया सामने

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार एक रिश्तेदार ने कहा कि हमें व्हीलचेयर पर मृत शरीर सौंपा गया। जेल अधिकारियों ने जिस तरह से उसके साथ व्यवहार किया वह असंवेदनशील था और मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन था। जब उसे गिरफ्तार किया गया तो वह स्वस्थ था। हम जानना चाहते हैं कि जेल में उसके साथ क्या हुआ। परिवार के सदस्यों ने डिब्रूगढ़ पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। जेल अधिकारियों ने अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

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