India News (इंडिया न्यूज), Look Back 2024 : साल 2024 में राजनीतिक तौर पर हमें कई सारे बदलाव देखनो को मिले हैं। देश की राजधानी दिल्ली से लेकर आर्थिक राजधानी मुंबई तक सीएम को तौर पर नए चेहरे देखने को मिले हैं। इसमें आम आदमी पार्ट (आप) और बीजेपी शामिल हैं। जहां एक तरफ दिल्ली में अरविंद केजरीवाल ने सीएम पद से इस्तीफा देते हुए अपनी जगह आतिशी को उत्तराधिकारी चुना है। केजरीवाल के आतिशी को सीएम चुनने पर कई सवाल उठे, लेकिन ऐसा माना गया कि अरविंद केजरीवाल को पार्टी में और किसी से ज्यादा आतिशी पर ही भरोसा है। वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों में महायुती भारी मतों से जीतकर दुबारा राज्य में सरकार बनाई है। लेकिन सीएम पद को लेकर बीजेपी और शिंदे गुट वाली शिवसेना के बीच जमकर खिंचतान हुई है। वैसे तो देवेंद्र फडणवीस ने सीएम पद की शपथ ले ली है लेकिन आखरी समय तक दोनों गुटों के बीच सीएम पद को लेकर सस्पेंस बना रहा था।
केजरीवाल ने बनाया आतिशी को अपना उत्तराधिकारी
दिल्ली शराब घोटाला केस की वजह से दिल्ली के पूर्व सीएम केजरीवाल को इस्तीफा देना पड़ा था। उस वक्त सबकी नजरे इसी पर लगी हुई थी कि केजरीवाल अपनी जगह किसको सीएम पद सौपेंगे। आखिर में इस सस्पेंस से पर्दा हट गया। अरविंद केजरीवाल ने अपना उत्तराधिकारी आतिशी को चुन लिया। बैठक में अरविंद केजरीवाल ने ही आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव पर सबने सर्वसम्मति से हामी भर दी। इस तरह आतिशी अब सीएम की रेस जीत चुकी हैं। सीएम पद की रेस में सौरभ भारद्वाज, गोपाल राय, कैलाश गहलोत और राखी बिड़ला समेत कई नाम थे, जो अब पिछड़ गए।
असल में आतिशी को अरविंद केजरीवाल का काफी करीबी माना जाता है। आतिशी अन्ना आंदोलन के समय से ही अरविंद केजरीवाल और संगठन के साथ जुड़ी हुई हैं। आतिशी 2020 में पहली बार कालकाजी से विधायक बनी थीं। उन्हें साल 2023 में अरविंद केजरीवाल सरकार में मंत्री पद मिला। इसके अलावा दिल्ली शराब घोटाला केस में जब अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया जेल में थे, तब आतिशी ने ही मोर्चा संभाले रखा।
फडणवीस और शिंदे के बीच सीएम पद को लेकर खींचतान
महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस नए सीएम बन गए हैं। चुनाव नतीजों के आने के बाद से ही सीएम फेस को लेकर फडणवीस और शिंदे के बीच बंद दिवारों के अंदर खींचतान चल रही थी। बीजेपी जहां किसी भी हालात में सीएम पद किसी को भी नहीं देना चाह रही थी। तो वहीं दूसरी तरफ शिंदे गुट डिप्टी सीएम पद से खुश नहीं था। लेकिन कुछ वक्त बाद फडणवीस और शिंदे के बीच हुई मुलाकात में सब ठीक हो गया। लेकिन अब महायुती में पोर्टफोलियो को लेकर खींचतान शुरू हो गई है। महायुति में बड़ा भाई बनने वाली भाजपा अब अलग रणनीति के तहत आगे बढ़ रही है। उसने पहले सीएम पोस्ट पर कब्जा जमाया। अब उसकी नजर दो ऐसे मंत्रालयों पर है। जिससे महायुति में तकरार बढ़ सकती है. भाजपा धीरे-धीरे कदम बढ़ा रही है। देवेंद्र फडणवीस के अगुवाई में भाजपा फ्रंटफुट से खेलने को तैयार है।
अभी तक पोर्टफोलियो को लेकर जो तय फॉर्मूला है, उसके हिसाब से भाजपा के कोटे में 20 मंत्री पद हैं। वहीं, एकनाथ शिंदे के कोटे में 13 और अजित पवार के कोटे में 8 मंत्री पद हैं। महाराष्ट्र चुनाव में भाजपा ने 132 सीटें जीती थीं। वहीं एकनाथ शिंदे की शिवसेना 54 और अजित पवार की एनसीपी के खाते में 34 सीटें आई थीं। इससे पहले तक शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में होम मंत्रालय देवेंद्र फडणवीस के पास था तो वित्त मंत्रालय अजित पवार के पास था।