India News (इंडिया न्यूज), Atul Subhash Case: अतुल सुभाष केस मामले में एक बड़ी खबर आई है। भले ही अतुल की पत्नी निकिता सिंघानिया सहित उनके परिवार को कोर्ट ने जमानत दे दी हो, लेकिन उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द नहीं होगी। कर्नाटक हाईकोर्ट ने सोमवार को निकिता सिंघानिया की उस याचिका को खारिज करके जोर का झटका दिया है, जिसमें एफआईआर रद्द करने की मांग की गई थी।

कर्नाटक हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा कि आत्महत्या के लिए उकसाने के तहत मामला दर्ज करने के लिए एफआईआर में सभी सबूत मौजूद हैं। वहीं, अतुल सुभाष के पिता ने निकिता सिंघानिया की मां और भाई को जमानत देने के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने का फैसला किया है।

‘आप जांच क्यों नहीं करवाना चाहतीं?’

कर्नाटक हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने निकिता सिंघानिया से पूछा कि बेंच और क्या जांच कर सकती है? दर्ज कराई गई शिकायत में  अपराध के प्रथम दृष्टया तत्व पाए गए हैं। आप जांच क्यों नहीं करवाना चाहतीं? इस पर निकिता सिंघानिया के वकील ने कोर्ट को बताया कि शिकायत में आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में एफआईआर दर्ज करने लायक कोई तथ्य नहीं बनाए गए हैं।

अतुल सुभाष ने अपनी पत्नी और परिवार के सदस्यों द्वारा किए गए ऐसे किसी काम का जिक्र नहीं किया है, जिसके कारण उन्हें आत्महत्या करनी पड़ी। इससे पहले 4 जनवरी को बेंगलुरु की निचली अदालत ने अतुल सुभाष की पत्नी निकिता और उनसे अलग रह रहे ससुराल वालों को जमानत दे दी थी।

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मामले में अब तक क्या-क्या हुआ?

अतुल सुभाष और सिंघानिया की शादी 2019 में हुई थी। साल 2020 में उनका एक बेटा हुआ। अतुल सुभाष द्वारा आत्महत्या करने के बाद निकिता सिंघानिया को 14 दिसंबर को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया था, जबकि उनकी मां और भाई अनुराग को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया था। मूल रूप से बिहार के रहने वाले 34 वर्षीय सुभाष अतुल अपनी पत्नी से अलग रह रहे थे।

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