India News (इंडिया न्यूज), Atul Subhash Suicide Case: हाल ही में एआई इंजीनियर अतुल सुभाष की उनसे अलग रह रही पत्नी निकिता सिंघानिया, साथ ही उनकी मां निशा और भाई अनुराग को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में इन तीनो को आख़िरकार गिरफ्तार कर लिया गया है। अतुल ने कुछ दिनों पहले निकिता और उसके परिवार पर उत्पीड़न और जबरन वसूली का आरोप लगाने के बाद आत्महत्या कर ली थी जिसके बाद से ही इस केस ने आग पकड़ी हुई है।
गिरफ्तारी का विवरण
डीसीपी व्हाइट फील्ड डिवीजन शिवकुमार के अनुसार, निकिता सिंघानिया को गुड़गांव, हरियाणा से और निशा सिंघानिया व अनुराग सिंघानिया को प्रयागराज, उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया गया। इन सभी आरोपियों को अदालत में पेश करने के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
क्या हैं आरोप?
- जबरन वसूली का आरोप:
- निकिता और उसके परिवार पर अतुल से 3 करोड़ रुपये और उनके बेटे से मिलने के अधिकार के लिए 30 लाख रुपये मांगने का आरोप है।
- उत्पीड़न के मामले:
- सुभाष के परिवार का दावा है कि निकिता ने भरण-पोषण और अन्य मामलों में बड़ी धनराशि की मांग की।
क्या था पूरा मामला?
अतुल सुभाष, जो मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले थे, बेंगलुरु के एक फ्लैट में मृत पाए गए। उनकी आत्महत्या से पहले, उन्होंने एक सुसाइड नोट में अपनी पत्नी और उसके परिवार द्वारा उत्पीड़न और जबरन वसूली का आरोप लगाया।
सुसाइड नोट:
- सुभाष ने लिखा कि निकिता और उनके परिवार ने उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया।
- कोर्ट ने उन्हें निकिता और बेटे को भरण-पोषण के तौर पर हर महीने ₹80,000 देने का आदेश दिया था।
- उन्होंने बताया कि निकिता ने 3 करोड़ रुपये की मांग की और समझौता न करने पर मामलों को खींचने की धमकी दी।
पुलिस कार्रवाई
अतुल सुभाष के भाई की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज किया। बेंगलुरु पुलिस ने उत्तर प्रदेश पुलिस की सहायता से आरोपियों को गिरफ्तार किया।
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शिकायत में नामजद लोग:
- पत्नी निकिता सिंघानिया
- मां निशा सिंघानिया
- भाई अनुराग सिंघानिया
- चाचा सुशील सिंघानिया
न्यायिक और सामाजिक प्रश्न
इस मामले ने महिलाओं के पक्ष में झुकी हुई न्यायिक व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। सुभाष ने सुसाइड नोट में लिखा:
“मैं जितना ज्यादा मेहनत करूंगा और अपने काम में बेहतर होता जाऊंगा, उतना ही ज्यादा मुझे और मेरे परिवार को परेशान किया जाएगा और जबरन वसूली की जाएगी।”
उन्होंने यह भी लिखा कि उनकी आत्महत्या उनके परिवार को भविष्य में उत्पीड़न से बचाने का एक प्रयास है।
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यह मामला न केवल एक व्यक्ति की दुखद मौत को दर्शाता है, बल्कि समाज और न्यायिक व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता को भी रेखांकित करता है। उत्पीड़न और जबरन वसूली जैसे मामलों में निष्पक्ष जांच और न्यायिक संतुलन की अत्यंत आवश्यकता है।