India News (इंडिया न्यूज),Aurangzeb tomb: महाराष्ट्र में एक बार फिर मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग उठी है। मंत्री संजय शिरसाट ने समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह औरंगजेब के वंशज हैं। वो अपने घर में कब्र बनवा लें।
इसके साथ ही शिवसेना शिंदे गुट के विधायक शिरसाट ने कहा कि जिस शहर में मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र है, उसका नाम खुल्दाबाद से बदलकर रत्नापुर किया जाएगा। इस संबंध में संजय शिरसाट आज (मंगलवार, 8 अप्रैल) कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात करेंगे और औपचारिक रूप से यह मांग रखेंगे।
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औरंगजेब की कब्र कहां स्थित है?
औरंगजेब की कब्र छत्रपति संभाजीनगर शहर से करीब 25 किलोमीटर दूर खुल्दाबाद में स्थित है। औरंगजेब, उनके बेटे आजम शाह, निजाम आसफ जाह और कई अन्य लोगों की कब्रें इसी इलाके में स्थित हैं। हाल ही में इसे लेकर एक आंदोलन शुरू हुआ था।
महाराष्ट्र के कई मंत्रियों, वीएचपी और बजरंग दल समेत कई संगठनों ने इस मांग को उठाया और प्रदर्शन किया। हालांकि, नागपुर में हुई हिंसा के बाद इस बारे में आवाज धीमी हो गई।
क्या कहा था देवेंद्र फडणवीस ने?
तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्पष्ट किया था कि मकबरा संरक्षित स्मारक है और इसे हटाया नहीं जा सकता, साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि औरंगजेब का महिमामंडन नहीं होने दिया जाएगा। अब जबकि मंत्री शिरसाट ने नई मांग की है, तो यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि मुख्यमंत्री इस पर क्या रुख अपनाते हैं।
शिरसाट ने पिछले महीने यह भी कहा था, “छत्रपति संभाजी महाराज को प्रताड़ित करने और उनकी हत्या करने वाले क्रूर सम्राट औरंगजेब की समाधि के लिए महाराष्ट्र में कोई जगह नहीं है।” फडणवीस सरकार में मंत्री ने कहा कि छत्रपति संभाजीनगर को पहले खड़की के नाम से जाना जाता था और बाद में इसका नाम बदलकर औरंगाबाद कर दिया गया।
शिवसेना नेता ने आगे कहा, “इसी तरह खुल्दाबाद को पूर्व में रत्नापुर के नाम से जाना जाता था। मुग़ल शासक औरंगजेब के राज में कई जगहों का नाम बदला गया था। हम खुल्दाबाद का नाम बदलकर रत्नापुर करने जा रहे हैं।”
सरकार बनाएगी स्मारक
छत्रपति संभाजीनगर जिले के संरक्षक मंत्री ने कहा, “हम उन सभी जगहों के नाम बदलने की प्रक्रिया में हैं, जिनमें ‘बुराई’ है (जैसे औरंगाबाद)। औरंगजेब के शासनकाल में रत्नापुर का नाम बदलकर खुल्दाबाद कर दिया गया था।”
शिरसाट ने कहा कि सरकार वहां (खुल्दाबाद में) एक स्मारक बनाना चाहती है, जिसमें छत्रपति शिवाजी महाराज और उनके बेटे संभाजी महाराज का इतिहास दिखाया जाएगा।