India News (इंडिया न्यूज), Australia Migration Rules: ऑस्ट्रेलिया सरकार ने माइग्रेशन के लिए नए नियम तय किए हैं। इस नियम के अनुसार, अब छात्रा को ऑस्ट्रेलिया जाने के लिए आवेदन से पहले अग्रेजी भाषा में पूरी तरह प्रोफाइंसी हासिल करनी होगी। हालांकि मामले से परिचित लोगों ने सोमवार  को कहा कि इसका भारतीय छात्रों या पेशेवरों पर कोई  प्रभाव पड़ने की उम्मीद नहीं है।

लोगों ने कहा कि सुधारों से भारतीय छात्रों के लिए अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद ऑस्ट्रेलिया में अस्थायी रूप से रहने, अध्ययन करने और काम करने के अवसरों में कोई बदलाव नहीं आएगा।

ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने प्रवासन रणनीति जारी की

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने सोमवार को माइग्रेशन रणनीति जारी की। इसके जरिए देश की भविष्य की जरुरतों को ध्यान में रखते हुए,  इस बार कई अहम सुधार किए गए हैं। ऑस्ट्रेलिया ने ये सुधार स्किल माइग्रेशन और प्रतिभाशाली लोगों को मैनेज करने के लिए किए हैं।

ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने इस विषय में जानकारी दी कि नई माइग्रेशन नीति माइग्रेशन को महामारी से पहले के स्तर पर वापस लाने और सही कौशल को सही जगह पर लाने में मदद करेगी।

अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या में कोई सीमा नहीं

उन्होंने कहा, “अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या पर कोई सीमा नहीं होगी। इसके जरिए यह तय किया जाएगा कि छात्र ऐसे पाठ्यक्रमों के लिए पंजीकरण करा कर लंबे समय तक ऑस्ट्रेलिया में रहने की कोशिश न करें। लोगों ने कहा कि इन सुधारों से प्रवासियों के जीवनसाथी या आश्रितों के ऑस्ट्रेलिया में प्रवेश पर कोई प्रतिबंध नहीं लगेगा, हालांकि उन्हें कुछ आवश्यकताओं को पूरा करना होगा।

ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त फिलिप ग्रीन का बयान

ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त फिलिप ग्रीन ने कहा कि नई प्रवासन रणनीति के तहत ईसीटीए के तहत भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच प्रतिबद्धताएं बरकरार रखी जाएंगी। इसका मतलब यह है कि भारतीय छात्र स्नातक की डिग्री पूरी करने के लिए दो साल, मास्टर डिग्री पूरी करने के लिए तीन साल और पीएचडी पूरी करने के लिए चार साल के लिए अस्थायी स्नातक वीजा पर रहने के पात्र बने रहेंगे।

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