India News (इंडिया न्यूज), Avimukteshwarananda Saraswati: जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने गौ माता की रक्षा और राजनीतिक दलों के रवैये को लेकर अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने सोमवार (10 मार्च 2025) को कहा कि अगर गाय को माता माना जाता है तो उसे कानूनी तौर पर भी मां का दर्जा दिया जाना चाहिए।

शंकराचार्य ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि दोनों नेता खुद को बड़ा गौ प्रेमी बताते हैं, लेकिन पिछले 11 सालों के आंकड़े कुछ और ही तस्वीर पेश करते हैं।

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शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का गोहत्या पर मोदी सरकार को संदेश

उन्होंने राजनीतिक दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि वोट सिर्फ गोहत्या के मुद्दे पर मांगे जाते हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि वे वास्तव में गाय के पक्ष में हैं या नहीं। उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि सभी दल स्पष्ट करें कि वे गाय के समर्थन में हैं या इसके खिलाफ। जो लोग विरोध में हैं, उन्हें भी खुलकर सामने आना चाहिए। हम उनकी ईमानदारी का सम्मान करेंगे।”

17 मार्च से देशभर में विरोध प्रदर्शन

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने राजनीतिक दलों को गाय पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए 17 मार्च तक का समय दिया है। उन्होंने कहा कि यह 33 दिन का इंतजार 33 करोड़ देवताओं के प्रतीक के रूप में रखा गया है। शंकराचार्य ने कहा, “अगर सरकार और राजनीतिक दल 17 मार्च तक गाय पर अपना रुख स्पष्ट नहीं करते हैं, तो हम 17 मार्च से देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू करेंगे।” उन्होंने आगे कहा कि यह विरोध पूरे देश में शांतिपूर्ण होगा, और वे खुद दिल्ली के रामलीला मैदान में बैठेंगे।

इतिहास में पहली बार शंकराचार्य करेंगे ऐसा प्रदर्शन

शंकराचार्य ने कहा कि 2500 साल पुरानी शंकराचार्य परंपरा में यह पहली बार होगा जब कोई शंकराचार्य इस तरह सवाल उठाकर विरोध जताएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कोई ऐसा आंदोलन नहीं होगा जिसमें सड़कें जाम की जाएंगी या जनता को परेशान किया जाएगा। उन्होंने कहा, “आईबी (इंटेलिजेंस ब्यूरो) हमसे पूछताछ कर रही है कि प्रदर्शन में कौन आ रहा है। लेकिन हमारा उद्देश्य केवल सरकार और जनता को जागरूक करना है।”

आपको बता दें कि शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने राजनीतिक दलों को गौ माता पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए 17 मार्च तक का समय दिया है। उनका कहना है कि सरकार को गौ माता की रक्षा और सम्मान के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए न कि केवल चुनावी वादे करने चाहिए।

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