India News (इंडिया न्यूज), Badaun Jama Masjid Controversy: उत्तर प्रदेश के संभल में चल रहे मस्जिद विवाद के बीच अब बदायूं की जामा मस्जिद को लेकर एक नया विवाद सामने आया है। दरअसल, बदायूं की इस ऐतिहासिक मस्जिद को महादेव मंदिर बताया जा रहा है। इस मामले में शनिवार (30 नवंबर) को विशेष फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई हुई। जिसमें कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 3 दिसंबर तय की है। बता दें कि, संभल में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद यह मामला और भी संवेदनशील हो गया है, जिससे तनाव बढ़ता जा रहा है।

ओवैसी ने जताई चिंता

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बदायूं की जामा मस्जिद को लेकर कहा कि बदायूं उत्तर प्रदेश की जामा मस्जिद को भी निशाना बनाया गया है। 2022 में कोर्ट में केस दायर किया गया और इसकी अगली सुनवाई 3 दिसंबर को होगी। एएसआई (जो भारत सरकार के अधीन काम करती है) और उत्तर प्रदेश सरकार भी इस केस में पक्षकार हैं। दोनों सरकारों को 1991 के एक्ट के मुताबिक अपनी बात रखनी होगी। उन्होंने आगे कहा कि शराक-प्रेमी हिंदुत्व संगठन किसी भी हद तक जा सकते हैं, उन पर प्रतिबंध लगाना भारत की शांति और एकता के लिए बहुत ज़रूरी है। देश को सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखना चाहिए, नहीं तो आने वाली पीढ़ियां AI की पढ़ाई करने के बजाय ASI की खुदाई में व्यस्त रहेंगी।

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कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनी

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शनिवार (30 नवंबर) को मुस्लिम पक्ष को विशेष कोर्ट में अपनी दलीलें पेश करने के लिए बुलाया गया था। इससे पहले कोर्ट ने हिंदू पक्ष की दलीलें सुनी थीं। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने मामले को अगली सुनवाई तक के लिए स्थगित कर दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि अब इस मामले की अगली सुनवाई 3 दिसंबर को होगी।

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