India News (इंडिया न्यूज), Bahraich Violence Bulldozer Action: बहराइच में 13 अक्टूबर को भड़के हिंसा में रामगोपाल मिश्रा नाम के युवक की मौत हो गई। जिसके बाद से इलाके के हिंदू समुदाय में भारी गुस्सा देखने को मिला है। वहीं पुलिस ने इस मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि इस दौरान मुठभेड़ देखने को भी मिली, जिसमे दो आरोपियों के पैरों में गोली लगी। वहीं अब इलाके में बुलडोज़र एक्शन की चर्चा तेज हो गई है। दरअसल, बहराइच के महाराजगंज कस्बे में जहां पूरी घटना हुई, वहां घरों और दुकानों के पास लाल निशान लगे मिले हैं। मुख्य आरोपी अब्दुल का घर भी इन घरों के दायरे में आता है। हालांकि यह निशान साल 2023 में लगाए गए थे।
क्यों लगाए गए लाल निशान?
बता दें कि, जिन लोगों के घरों पर निशान लगाए गए, उनमें उमाशंकर गुप्ता भी शामिल हैं। उमाशंकर गुप्ता ने बताया कि उनके घर पर भी लाल निशान लगाया गया है। उन्होंने बताया कि एक साल पहले पीडब्ल्यूडी वाले यहां आए थे, उन्होंने लाल निशान लगाए और कहा कि सड़क चौड़ीकरण किया जाना है। वहीं, अब सवाल उठ रहा है कि क्या बहराइच में बुलडोजर की कार्रवाई हो सकती है। क्या सड़क चौड़ीकरण को लेकर शुरू की गई 2023 की कार्रवाई को आगे बढ़ाया जा सकता है। लोगों में इस बात की चर्चा होने लगी है।
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क्यों भड़की थी बहराइच में हिंसा?
बता दें कि, बहराइच में 13-14 अक्टूबर को विसर्जन जुलूस के दौरान हुई हिंसा के बाद शुक्रवार को पुलिस ने पांच आरोपियों अब्दुल हमीद, रिंकू उर्फ सरफराज, फहीम, तालीम और अफजल को जजेज कॉलोनी स्थित सीजेएम प्रतिभा चौधरी के आवास पर पेश किया। जहां से सीजेएम ने आरोपियों को 14 दिन की रिमांड पर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। वहीं, हिंसा के पांचवें दिन शहर में शांति लौटती दिख रही है। हिंसा के बाद पहले जुमे की नमाज के मद्देनजर शहर कोतवाली के मुख्य बाजार घंटाघर पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। दरअसल, 13 अक्टूबर की शाम हरदी थाना क्षेत्र के महाराजगंज बाजार में विसर्जन जुलूस के दौरान मामूली कहासुनी के बाद दुर्गा प्रतिमा पर पथराव और धार्मिक झंडा उतारने को लेकर हुए विवाद में हुई फायरिंग में राम गोपाल मिश्रा नामक युवक की मौत हो गई थी।