इंडिया न्यूज,दिल्ली न्यूज, ( Become the youngest President) : देश का सर्वाेच्च पद यानि राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनावों का परिणाम आने वाला हैं । जिस प्रकार से कयास लगाई जा रही हैं की द्रोपदी मुर्मू काफी मतों से विजयी होकर राष्ट्रपति बनेंगी । अगर ऐसा हुआ तो वह 64 साल की उम्र में राष्ट्रपति पद पर पहुंचने वाली देश की सबसे कम उम्र की शख्सियत बन जाएंगी । वहीं राष्ट्रपति का चुनाव जीतने के साथ ही वह देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति बन जाएंगी। इसके अलावा देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति बनने का खिताब भी वह अपने नाम करेंगी। इनसे पहले प्रथम महिला राष्ट्रपति बनने का खिताब पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा सिंह पाटिल के नाम दर्ज हैं जो 2007 में 73 साल की उम्र में राष्ट्रपति बनी थी । वहीं आपको बता दें कि राष्ट्रपति बनने से पहले द्रोपदी मुर्मू 2015 से 2021 तक झारखंड की राज्यपाल भी रह चुकी हैं ।
राजनीति मे आने से पहले शिक्षक के तौर पर किया काम
राजनीति में आने से पहले मुर्मू ने एक शिक्षक के तौर पर अपने करियर की शुरूआत की थी। उन्होंने 1979 से 1983 तक सिंचाई और बिजली विभाग में जूनियर असिस्टेंट के रूप में भी कार्य किया। इसके बाद 1994 से 1997 तक उन्होंने आॅनरेरी असिस्टेंट टीचर के रूप में कार्य किया था।
1997 में पहली बार लड़ा चुनाव बनी पार्षद
द्रोपदी मुर्मू ने 1997 में पहली बार चुनाव लड़ा और ओडिशा के राइरांगपुर जिले में पार्षद चुनी गईं। इसके बाद वह जिला परिषद की उपाध्यक्ष भी चुनी गईं। वर्ष 2000 में विधानसभा चुनाव लड़ीं। राइरांगपुर विधानसभा से विधायक चुने जाने के बाद उन्हें बीजद और भाजपा गठबंधन वाली सरकार में स्वतंत्र प्रभार का राज्यमंत्री बनाया गया।
2015 में झारखंड का राज्यपाल बनी
द्रोपदी मुर्मू को 2015 में झारखंड का राज्यपाल बनाया गया । जिन्होंने 2021 तक अपनी सेवाएं दी । आपको बताएं कि 2002 में मुर्मू को ओडिशा सरकार में मत्स्य एवं पशुपालन विभाग का राज्यमंत्री बनाया गया। 2006 में उन्हें भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। 2009 में वह राइरांगपुर विधानसभा से दूसरी बार भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतीं। इसके बाद 2009 में वह लोकसभा चुनाव भी लड़ीं, लेकिन जीत नहीं पाईं।
मिल चुका है सर्वश्रेष्ठ विधायक का खिताब
मुर्मू ने हमेशा से संघर्ष किया। उन्होंने समाज के लिए हमेशा अच्छा काम किया। मुर्मू को 2007 में ओडिशा विधानसभा द्वारा वर्ष के सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनके पास ओडिशा सरकार में परिवहन, वाणिज्य, मत्स्य पालन और पशुपालन जैसे मंत्रालयों को संभालने का अनुभव है।
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