India News (इंडिया न्यूज), Waqf Bill In Lok Sabha: सरकार संसद के इसी सत्र में वक्फ संशोधन अधिनियम पेश करने जा रही है। भाजपा और कांग्रेस ने 2 अप्रैल 2025 और 3 अप्रैल 2025 के लिए लोकसभा और राज्यसभा सांसदों को व्हिप जारी किया है। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने मंगलवार (01 अप्रैल 2025) को कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक बुधवार (02 अप्रैल 2025) को लोकसभा में पेश किया जाएगा।

विपक्ष लगातार इस विधेयक का विरोध कर रहा है, ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए विधेयक में साफ तौर पर कहा गया है कि कानून 2025 से पहले जो संपत्तियां वक्फ के अधीन हैं, वे भविष्य में भी वक्फ की संपत्ति ही रहेंगी, बशर्ते उन पर किसी तरह का कोई विवाद न हो। यह भी एक अहम बिंदु है, जिस पर काफी चर्चा हुई।

क्या धर्म परिवर्तन कर जमीन हड़पने के मामलों पर अंकुश लगेगा?

सूत्रों के अनुसार इस बिल में कहा गया है कि जो भी व्यक्ति वक्फ को जमीन दान कर रहा है, उसे यह साबित करना होगा कि वह कम से कम 5 साल से इस्लाम का पालन कर रहा है (इससे लोगों का धर्म परिवर्तन करके जमीन हड़पने के मामलों पर लगाम लगेगी)। इस मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों ने आपत्ति जताई थी।

वक्फ बाय यूजर को लेकर विवाद?

इस पर चर्चा के दौरान काफी हंगामा हुआ। वक्फ बाय यूजर उन संपत्तियों के बारे में है, जिन पर विवाद हो सकता है। इसके लिए एक उदाहरण दिया गया कि मान लीजिए किसी ने 100 साल पहले वक्फ को कोई संपत्ति दान की और उसका कोई दस्तावेज नहीं है, तो क्या सरकार ऐसी संपत्ति को अपने कब्जे में लेगी या उस पर नया केस शुरू करेगी। इस पर सूत्रों का हवाला देते हुए कहा गया है कि संशोधन सिर्फ उन्हीं संपत्तियों के लिए किया गया है, जो पहले से ही विवादित थीं। कानून बनने के बाद वक्फ की संपत्तियां वैसी ही रहेंगी, जैसी पहले थीं। विवादित संपत्तियों को छोड़कर।

जेडीयू ने सुझाव दिया कि मौजूदा पुरानी मस्जिदों, दरगाहों या अन्य मुस्लिम धार्मिक स्थलों से छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए, सरकार ने एनडीए सहयोगी के इस सुझाव को स्वीकार कर लिया है।

बोरिंग मशीन में फंसने से राजस्थान के युवक की मौत, फ्लाईओवर के निर्माण कार्य में हेल्पर था युवक

विपक्ष की आपत्ति पर किरेन रिजिजू ने क्या कहा?

मौजूदा संसद सत्र या बजट सत्र का दूसरा भाग शुक्रवार (04 अप्रैल) को समाप्त हो रहा है। रिजिजू ने कहा कि वह सांसदों को बदलावों पर बहस करने के लिए पूरा समय देना चाहते हैं, जिसको लेकर सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक चल रही है। विधेयक को प्रश्नकाल के बाद लोकसभा में पेश किया जाएगा और चर्चा के लिए आठ घंटे का समय आवंटित किया गया है। स्पीकर ओम बिरला के विवेक पर इसे बढ़ाया भी जा सकता है।

ऊर्जा मंत्री अनिल विज का बयान – बिजली की मांग का होगा स्थाई इलाज..हिसार के खेदड़ व पानीपत में दो और पावर प्लांट लगाने की योजना, यमुनानगर में काम शुरू