India News (इंडिया न्यूज़) Bengal Day: पश्चिम बंगाल सरकार ने निर्णय लिया कि वे ‘बंगाल दिवस’ (Bengal Day) को मनाना चाहते हैं। उन्होंने इसे मनाने के लिए 15 अप्रैल का दिन चुना है, जो बंगाली नव वर्ष की शुरुआत भी है। हालांकि, बीजेपी पार्टी इससे सहमत नहीं है क्योंकि वे 20 जून को बंगाल दिवस मनाना चाहती है।
राज्यपाल की प्रतिक्रिया का इंतजार
माना जा रहा है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने राजनीति से जुड़ी एक खास वजह से इस दिन को चुना है। वहीं, बीजेपी पार्टी 20 जून को यह खास दिन मनाना चाहती है, लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नहीं चाहतीं कि बीजेपी अपने मंसूबे में कामयाब हों। इसी वजह से वह विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर राज्यपाल को चुनौती दे रही हैं। हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा कि राज्यपाल इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं।
जाने कैसे भाजपा की मंशा पर फिरा पानी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एमसी के पूर्व सांसद प्रोफेसर सुगाता बोस ने कहा कि 20 जून हमें 1947 में हुई एक दुखद घटना की याद दिलाता है। उन्होंने कहा कि यह इतिहास का एक दुखद हिस्सा है जब विभिन्न समुदायों के कई लोग मारे गए थे। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि इस वर्ष से पहले, पश्चिम बंगाल में लोग 20 जून को राज्यत्व दिवस नहीं मनाते थे, लेकिन भाजपा ने इसे मनाना शुरू कर दिया क्योंकि उनके नेता हिंदुओं को अलग करना चाहते थे।
ममता बनाम बीजेपी
प्रधानमंत्री अलगाव के लिए पंडित नेहरू को दोषी मानते हैं, लेकिन बीजेपी अभी भी 20 जून को बंगाल राज्य दिवस मनाती हैं, जो कि ममता बनर्जी के अनुसार बंगाल के विचार के खिलाफ है। ममता बनर्जी ने कहा कि वहां के लोगों को 20 जून पसंद नहीं है। उन्हें लगता है कि यह दिन हिंसा और लड़ाई से जुड़ा है। ममता बनर्जी का यह भी मानना है कि सरकार के लिए 20 जून को राज्य के विशेष दिन के रूप में चुनना सही नहीं है। वे एक बैठक में इस फैसले पर बात करेंगे।
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