India News (इंडिया न्यूज)Bengaluru Stampede Case: बेंगलुरु भगदड़ मामले में आरसीबी (RCB) ने कर्नाटक हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। बता दें, बीते 3 जून को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में पंजाब किंग्स को हराकर रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने पहली बार आईपीएल का ख़िताब अपने नाम किया था। इसके लिए 4 जून को बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में विजय परेड का आयोजन किया गया था। इस दरम्यान भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई, जिसमें 11 लोगों की जान चली गई, जबकि कई घायल हो गए। इस मामले में पुलिस ने आरसीबी के मालिक रॉयल चैलेंजर्स स्पोर्ट्स लिमिटेड (RCSL) के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया था। जिसके खिलाफ RCSL ने कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
RCSL का तर्क है कि उसे इस मामले में गलत तरीके से फंसाया गया है। कंपनी के मुताबिक, फ्रेंचाइजी ने समारोह को लेकर अपने सोशल मीडिया पोस्ट में साफ कर दिया था कि भले ही एंट्री पास फ्री रखा गया है, लेकिन इसके लिए पहले रजिस्ट्रेशन कराना होगा। उसे इस मामले में फंसाया जा रहा है। इसके अलावा कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए) द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का प्रबंधन करने वाली कंपनी डीएनए एंटरटेनमेंट नेटवर्क ने भी अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
इसका तर्क है कि चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर पर्याप्त पुलिस बल तैनात नहीं किया गया था, जिसके कारण भीड़ अनियंत्रित हो गई। इस मामले में बेंगलुरु के कब्बन पार्क पुलिस स्टेशन में आरसीबी, डीएनए एंटरटेनमेंट नेटवर्क के इवेंट मैनेजर और केएससीए प्रबंधन और अन्य के खिलाफ नामजद मामला दर्ज किया गया है।
मामला दर्ज होने के बाद मामले को सीआईडी को भेज दिया गया है, जो मामले की जांच कर रही है। इसके अलावा आरसीबी के मार्केटिंग और रेवेन्यू हेड निखिल सोसले को न्यायिक हिरासत में रखा गया है, जबकि हाईकोर्ट ने फिलहाल पुलिस को केएससीए अधिकारियों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने से रोक दिया है।
इस मामले में बेंगलुरु पुलिस का कहना है कि उसके अधिकारी 4 जून की सुबह 5:30 बजे तक स्टेडियम के आसपास ड्यूटी पर थे। इस दौरान कर्नाटक विधानसभा में आरसीबी की जीत पर कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसे देखते हुए चिन्नास्वामी स्टेडियम में कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति नहीं दी गई।
पुलिस द्वारा लिखी गई एफआईआर में बताया गया है कि अनुमति न दिए जाने के बावजूद केएससीए, आरसीबी और डीएनए ने इसे नजरअंदाज कर कार्यक्रम को आगे बढ़ाया। इसके अलावा 4 जून को बिना किसी आधिकारिक अनुमति के आरसीबी ने अपने सोशल मीडिया और वेबसाइट पर जश्न और जीत की घोषणा की और प्रशंसकों को इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित किया।
जब यह खबर टीवी चैनलों और सोशल मीडिया पर फैली तो हमने (पुलिस ने) अपने वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी जानकारी दी और सुरक्षा और जरूरी इंतजाम करने का अनुरोध किया। पुलिस ने तर्क दिया कि आरसीबी के सोशल मीडिया पोस्ट से हालात और बिगड़े।