India News (इंडिया न्यूज),Bengaluru Stampede: हाल ही में चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुए कार्यक्रम के दरम्यान मची भगदड़ को लेकर सीएम सिद्धारमैया ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा है कि इस घटना के लिए सरकार नहीं बल्कि कार्यक्रम और सुरक्षा व्यवस्था के लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारी कसूरवार हैं। मुख्यमंत्री ने इस मामले में सीधे तौर पर कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए) और पुलिस अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया और कहा, “मैंने सिर्फ विधान सौधा परिसर में कार्यक्रम की अनुमति दी थी, स्टेडियम की नहीं।”
दरअसल, पिछले रविवार को चिन्नास्वामी स्टेडियम में आयोजित एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान भारी भीड़ जमा हो गई थी, जिसके कारण भगदड़ मच गई, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई और तकरीबन 50 लोगों को चोटें आईं।
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कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ ने मुझे आमंत्रित किया: सिद्धारमैया
सीएम ने मीडिया से बातचीत में कहा, “केएससीए के सचिव और कोषाध्यक्ष मेरे पास आए और मुझे कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया। कार्यक्रम का आयोजन केएससीए ने किया था, हमने नहीं। उन्होंने मुझे बताया कि राज्यपाल भी आ रहे हैं, इसलिए मैं वहां गया। मुझे स्टेडियम के लिए कोई निमंत्रण नहीं मिला था।”
विधान सौधा में कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति दी गई थी, वहां कुछ नहीं हुआ: सीएम
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि कार्यक्रम की अनुमति डीपीएआर सचिव ने दी थी। उन्होंने मुझसे कहा और मैंने कहा, ठीक है, अनुमति दे दीजिए। लेकिन यह कार्यक्रम विधान सौधा परिसर में होना था। क्या वहां कुछ हुआ? नहीं। जो कुछ भी हुआ, वह स्टेडियम में हुआ। वहां व्यवस्था करने की जिम्मेदारी पुलिस की थी।
पुलिस अधिकारियों को क्यों मिली सजा, सीएम ने बताया
उन्होंने कहा कि कार्यक्रम स्थल पर पर्याप्त पुलिस बल मौजूद नहीं था, जिसके कारण भीड़ को संभालना मुश्किल हो गया। इस लापरवाही को देखते हुए सरकार ने बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर बी दयानंद, अतिरिक्त कमिश्नर विकास कुमार और डीसीपी (सेंट्रल) एच.टी. शेखर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। साथ ही कब्बन पार्क थाने के एसएचओ और एसीपी को भी निलंबित कर दिया गया है।
जिस सलाहकार की सलाह पर सीएम समारोह में शामिल हुए थे, उसे भी हटा दिया गया
इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री ने अपने राजनीतिक सलाहकार गोविंद राजू से भी इस्तीफा ले लिया है। सूत्रों के मुताबिक, उन्हीं की सलाह पर मुख्यमंत्री कार्यक्रम में शामिल हुए थे। केएससीए के कोषाध्यक्ष जयराम और सचिव शंकर ने भी इस्तीफा दे दिया है, जिसे विशेष बैठक के बाद स्वीकार कर लिया गया। केएससीए ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है और जांच में सहयोग करने की बात दुहराई है।
‘स्टेडियम में समुचित व्यवस्था होती तो भगदड़ नहीं मचती’
एडीजीपी इंटेलिजेंस हेमंत निंबालकर को भी उनके पद से हटा दिया गया है। सरकार ने साफ कर दिया है कि इस मामले में किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री का कहना है, ‘स्टेडियम में व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी पूरी की गई होती तो यह घटना नहीं घटती। इसलिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई जरूरी थी।’
कई एजेंसियां मामले की गहनता से जांच कर रही हैं
फिलहाल पूरे मामले की विभागीय जांच चल रही है। एफआईआर के आधार पर सीआईडी जांच की जाएगी। जस्टिस कुन्हा की जांच भगदड़ के दौरान प्रक्रियागत खामियों पर होगी, जबकि मजिस्ट्रेट जांच भी सिर्फ इस बात तक सीमित रहेगी कि कहां चूक हुई और कौन जिम्मेदार था।