India News MP (इंडिया न्यूज़), Bhopal Drugs Case:औद्योगिक क्षेत्र बगरौदा से ड्रग्स का काला कारोबार चलाने वाले मास्टरमाइंड हरीश आंजना और सान्याल बाने ने मध्य प्रदेश के भोपाल के पहले पीथमपुर की फैक्ट्री में ड्रग्स बनाने की तैयारी की थी। उन्होंने वहां फैक्ट्री खोज भी ली थी और ड्रग बनाने का कच्चा माल भी मंगवा लिया था, परंतु वे रसायन के जानकार नहीं थे, जिसके चलते ड्रग बनाने में नाकाम हुए । इसके बाद उन्होंने रसायन के विशेषज्ञ भोपाल निवासी अमित चतुर्वेदी को अपने गिरोह में शामिल कर लिया और भोपाल को ड्रग बनाने के लिए चुना । अमित ने पीथमपुर से सुरक्षित भोपाल को बताया था, जिसके बाद भोपाल के नजदीकड्रग्स बनाने की फैक्ट्री खोली।
15 अक्टूबर तक रिमांड पर
आपको बता दें कि एनसीबी और गुजरात ATS ने ड्रग्स फैक्ट्री में छापेमारी करते हुए 1814 करोड़ रुपये की खतरनाक MD ड्रग्स जब्त की थी। साथ ही तीनों आरोपितों को हिरासत में लिया है। इसके साथ ही भोपाल पुलिस ने गोदाम पर कार्रवाई करते हुए 300 करोड़ रुपये से ज्यादा की ड्रग्स का माल पकड़ा है। NCB और पुलिस से जांच पड़ताल में आरोपितों ने ड्रग तस्करी को लेकर अनेक खुलासे किए हैं। वे 15 अक्टूबर तक रिमांड पर रहेंगे।
कच्चे माल का प्रबंध करते थे
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पुलिस के अनुसार मंदसौर का रहने वाला हरीश आंजना ड्रग्स के काले कारोबार का बड़ा मास्टरमाइंड है। उसका पिता भी अफीम तस्करी से जुड़ा हुआ था और बहुत बार जेल गया था। हरीश जेल में कुख्यात मादक पदार्थ तस्कर शोएब लाला के संपर्क में था। उसके माध्यम से हरीश नासिक के सान्याल बाने से मिला। दोनों ने मिलकर पीथमपुर में ड्रग्स बनाने की योजना बनाई थी। बाद में उन्होंने अमित चतुर्वेदी को भी शामिल किया। अमित एमएससी है और रसायन का जानकार है। तीनों के अलग-अलग काम थे और उस काम के अनुसार ही लाभांश का वितरण होता था। इसमें सबसे अहम हरीश का कार्य था, क्योंकि वह माल को खपाता था। जबकि अमित और सान्याल ड्रग्स तैयार करते थे और कच्चे माल का प्रबंध भी करते थे।