India News (इंडिया न्यूज), Third Law & Constitution Dialogue 2024 : शुक्रवार को तीसरे ‘लॉ एंड कॉन्स्टीट्यूशन डायलॉग 2024 (Third Law & Constitution Dialogue 2024) इवेंट में कई बड़ी हस्तियों ने शिरकत किया। यह कार्यक्रम भारतीय संविधान के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया, जिसमें देश के प्रमुख विधि विशेषज्ञों, न्यायविदों, पॉलिटिकल लीडर्स और विचारकों ने भाग लिया। इस आयोजन में देश के कानूनी और संवैधानिक मुद्दों पर गहन चर्चा की गई। इवेंट में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।

केंद्रीय कानून मंत्री ने यहां पर भारतीय संविधान के महत्व और ‘एक देश, एक चुनाव’ के विचार पर चर्चा की। इसके अलावा उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान दिवस की शुरुआत डॉ. भीमराव अंबेडकर की विरासत को सम्मानित करने और संविधान के लोकतांत्रिक महत्व को रेखांकित करने के लिए की थी।

पत्नी का अकेले वॉक पर जाना पति को नहीं आया पसंद, फिर किया कुछ ऐसा…सुनकर पकड़ लेंगे अपना सिर

इवेंट में इन मुद्दों पर हुई चर्चा-

  • वहीं दूसरी तरफ इवेंट में कार्यक्रम के मुख्य वक्ता, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत ने 2018 में ‘स्पेसिफिक रिलीफ एक्ट, 1963’ में किए गए संशोधन पर प्रकाश डाला। जस्टिस सूर्यकांत ने इस संशोधन के कानूनी और आर्थिक प्रभावों को रेखांकित करते हुए भारत की वैश्विक आर्थिक ताकत को मजबूत बनाने में इसकी भूमिका पर चर्चा की।
  • वहीं जस्टिस संजय किशन कौल ने कश्मीरी पंडितों के नरसंहार पर चर्चा करते हुए इस त्रासदी को आधिकारिक रूप से स्वीकार करने और Healing process शुरू करने की आवश्यकता पर बल दिया।
  • राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने अल्पसंख्यकों की वैश्विक सुरक्षा, विशेषकर बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों की स्थिति पर जोर दिया। देश में इस वक्त ‘प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट, 1991 काफी चर्चा में है। जस्टिस इकबाल अंसारी और मुख्तार अब्बास नकवी ने इस कानून की धर्मनिरपेक्षता और ऐतिहासिक न्याय के संदर्भ में चर्चा की।
  • यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का फैमस ‘बुलडोजर जस्टिस’ भाजपा नेता सुधांशु मित्तल, राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला और पूर्व डीसीपी एसएन श्रीवास्तव ने गरमागरम बहस की। चर्चा में निष्कर्ष निकाला गया कि न्याय में देरी भी अन्याय है।
  • स्वाति मालीवाल, इक़रा हसन, जेबी मैथर्स और शुभ्रास्थ्रा ने महिला आरक्षण के मुद्दे पर चर्चा की। महिला आरक्षण विधेयक की चुनौतियों और भारतीय राजनीति में इसके परिवर्तनकारी प्रभाव पर विचार साझा किए।
  • पूर्व डीजीपी डॉ. मुकतेश चंद्र और साइबर कानून विशेषज्ञ पवन दुग्गल ने साइबर अपराध पर चर्चा की। वहीं डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने भारतीय संविधान की आधारभूत संरचना और लोकतंत्र को सुरक्षित रखने में इसकी भूमिका पर चर्चा की।
  • एआई के संभावित खतरों और इसके न्यायपालिका और शासन पर प्रभावों पर साइबर टेक्नोलॉजी विशेषज्ञ सुबिमल भट्टाचार्य, एस्या सेंटर की मेघना बाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री के.जे. अल्फोंस और सांसद कार्तिकेय शर्मा ने चर्चा की।
  • एक अन्य गरमागरम पैनल चर्चा में पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस.वाई. कुरैशी, कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत और भाजपा नेता जी.वी.एल. नरसिम्हा राव ने एक साथ चुनाव (Simultaneous Elections) के प्रभावों पर विचार साझा किए। पैनल में इस विषय पर गहन बहस हुई कि यह प्रणाली भारतीय लोकतंत्र को कैसे प्रभावित कर सकती है।

जानकारी के लिए बता दें कि ‘लीगली स्पीकिंग’ देश का प्रमुख टीवी मंच है, जो लीगल कम्युनिटी को समर्पित है। यह आईटीवी नेटवर्क द्वारा न्यूज़एक्स चैनल पर प्रसारित होता है। कानूनी साक्षरता को बढ़ावा देने और सार्वजनिक विमर्श को आकार देने में यह मंच महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

‘मुख्यमंत्री जी’ का आलीशान भोज बन गया बेचारा जंगली मुर्गा? डिनर मेन्यू लीक हुआ तो खुली पोल, बवाल पर चुप्पी तोड़ना भी बना मुसीबत