India News (इंडिया न्यूज़), Pushpak Launched Successfully: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन को शुक्रवार (22 मार्च) को बड़ी सफलता हाथ लगी है। इसरो ने कर्नाटक के चैलकेरे में एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज से पुष्पक नामक अपने पुन: प्रयोज्य लॉन्च वाहन के लैंडिंग मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। यह रॉकेट सुबह करीब 7 बजे चलाकेरे रनवे से लॉन्च किया गया। बता दें कि यह आरएलवी का तीसरा लैंडिंग मिशन था। जिसका नामकरण रामायण में वर्णित प्रसिद्ध अंतरिक्ष यान पुष्पक के नाम किया गया है। इसरो ने पिछले मिशनों को 2016 और अप्रैल 2023 में सफलतापूर्वक अंजाम दिया था। दरअसल, भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टर के द्वारा प्रक्षेपण यान को करीबन 4.5 किमी की ऊंचाई तक ले जाया गया। जिसके बाद पूर्व निर्धारित पिलबॉक्स मापदंडों को प्राप्त करने के बाद छोड़ा गया।

इसरो ने दी सफलता की जानकारी

बता दें कि, इसरो के मुताबिक, यह मिशन अंतरिक्ष तक कम लागत में पहुंच को सक्षम करने के लिए पूरी तरह से पुन: प्रयोज्य लॉन्च वाहन के लिए आवश्यक प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के अंतरिक्ष एजेंसी के प्रयासों का हिस्सा है। इस मौके पर इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि पुष्पक प्रक्षेपण यान अंतरिक्ष तक पहुंच को सबसे किफायती बनाने का भारत का साहसिक प्रयास है। यह भारत का भविष्य का पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान है, जहां सबसे महंगा हिस्सा, ऊपरी चरण, जिसमें सभी महंगे इलेक्ट्रॉनिक्स हैं, को सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाकर पुन: प्रयोज्य बनाया जाता है। जिसके बाद यह कक्षा में उपग्रहों में ईंधन भरने का काम भी कर सकता है और नवीनीकरण के लिए कक्षा से उपग्रहों को पुनः प्राप्त करना। भारत अंतरिक्ष मलबे को कम करना चाहता है और पुष्पक भी उसी दिशा में एक कदम है।

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भविष्य के लिए बड़ा कदम

बता दें कि, पुष्पक आरएलवी को एक पूर्ण-रॉकेट, पूरी तरह से पुन: प्रयोज्य सिंगल-स्टेज-टू-ऑर्बिट वाहन के रूप में डिजाइन किया गया है। इसमें X-33 उन्नत प्रौद्योगिकी प्रदर्शक, X-34 परीक्षणित प्रौद्योगिकी प्रदर्शक और उन्नत DC-XA उड़ान प्रदर्शक जैसे प्रमुख तत्व भी शामिल हैं। इसरो की मानें तो पुष्पक में एक धड़, एक नाक की टोपी, डबल डेल्टा पंख और जुड़वां ऊर्ध्वाधर पूंछ होती हैं। इसमें एलिवोन्स और रूडर नामक सममित रूप से स्थित सक्रिय नियंत्रण सतहें भी शामिल हैं।

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