India News(इंडिया न्यूज), Sambhal Jama Masjid: उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि यूपी के संभल में मुगलकालीन जामा मस्जिद के पास स्थित विवादित ‘निजी कुआं’ सार्वजनिक भूमि पर स्थित है। 10 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था, जिसके बाद यूपी सरकार की ओर से यह जवाब दाखिल किया गया है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ के समक्ष यूपी सरकार की ओर से दाखिल इस रिपोर्ट में कहा गया है कि याचिकाकर्ता मस्जिद प्रबंधन समिति एक सार्वजनिक कुएं पर निजी अधिकार स्थापित करने का प्रयास कर रही है।
क्या है पूरा मामला?
आपको जानकारी के लिए बता दें कि, शाही जामा मस्जिद संभल की प्रबंधन समिति की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। इस याचिका में मांग की गई थी कि सुप्रीम कोर्ट संभल के जिला मजिस्ट्रेट को मस्जिद के प्रवेश द्वार के पास स्थित निजी कुएं पर यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दे। शीर्ष अदालत की अनुमति के बिना इस संबंध में भविष्य में कोई कार्रवाई न की जाए। यह कुआं उन 19 कुओं में से एक है, जिन्हें जिला प्रशासन वर्षा जल संचयन, भूजल पुनर्भरण और सभी समुदायों के उपयोग के लिए पुनर्जीवित कर रहा है।
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योगी सरकार ने कोर्ट में पेश किया रिपोर्ट
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि, स्थानीय रूप से धरनी वराह कूप के नाम से जाना जाने वाला कुआं मस्जिद के भीतर नहीं बल्कि उसके पास स्थित है। इसका मस्जिद से कोई संबंध नहीं है। रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि विवादित धार्मिक स्थल भी सार्वजनिक भूमि पर स्थित है। यह कुआं एक सार्वजनिक कुआं है और मस्जिद/विवादित धार्मिक स्थल के अंदर कहीं भी स्थित नहीं है। वास्तव में, मस्जिद के अंदर से इस कुएं तक कोई पहुंच नहीं है।
उत्तर प्रदेश प्रशासन ने कुएं की स्थिति की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया, जिसमें संभल के उप-जिला मजिस्ट्रेट (एसडीएम), क्षेत्र अधिकारी और नगर पालिका परिषद, संभल के कार्यकारी अधिकारी शामिल थे। राज्य सरकार ने यह भी बताया कि याचिकाकर्ता ने यह तथ्य छिपाया कि मस्जिद की चारदीवारी के भीतर पहले से ही यज्ञ कूप नामक एक अन्य कुआं मौजूद है।
समिति ने रिपोर्ट में क्या कहा?
समिति द्वारा किए गए स्थल निरीक्षण में पाया गया कि विवादित कुआं मस्जिद की चारदीवारी के बाहर स्थित है। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि याचिकाकर्ता मस्जिद समिति ने यह दिखाने के लिए भ्रामक तस्वीरें संलग्न की हैं कि कुआं मस्जिद परिसर में स्थित है। निरीक्षण के दौरान यह भी पाया गया कि कुएं का उपयोग सभी समुदायों द्वारा समय-समय पर किया जाता रहा है। हालांकि, वर्तमान में इस कुएं में पानी नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
शुक्रवार 10 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के संभल में स्थित मुगलकालीन जामा मस्जिद के पास एक ‘निजी कुएं’ को लेकर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया और केंद्र, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई), संभल जिला प्रशासन और अन्य पक्षों को नोटिस जारी किया। यह आदेश मस्जिद प्रबंधन समिति की याचिका पर दिया गया, जिसमें कहा गया था कि जिला प्रशासन पुराने मंदिरों और कुओं को पुनर्जीवित करने के अभियान के तहत मस्जिद के पास स्थित कुएं को सार्वजनिक उपयोग और धार्मिक गतिविधियों के लिए पुनर्जीवित करने की योजना बना रहा है।
याचिका में कुएं को लेकर यथास्थिति बनाए रखने की गुहार लगाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि संभल की शाही जामा मस्जिद के परिसर में स्थित कुएं को लेकर उनकी अनुमति के बिना कोई कार्रवाई न की जाए। कोर्ट ने दो सप्ताह में स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था। इसके बाद यूपी सरकार ने उक्त रिपोर्ट दाखिल की है।