India News (इंडिया न्यूज), Bihar Cabinet: धीरे-धीरे पूरे देश में अगले साल में होने वाली लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरु हो चुकी है। हर पार्टी जनता जनार्दन को खुश करने में जुट गई है। इसी बीच बिहार के मुख्यमंखत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की अहम बैठक की गई। जिसमें कुल आठ प्रस्तावों को पारित किया गया। बता दें कि प्रमोशन पर आरक्षण का देने का मामला अभी भी सुप्रीम कोर्ट के विचाराधीन है। इसके बावजूद आज नीतीश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को प्रमोशन देने का निर्णय लिया है।
- जूनियर कर्मचारी सीनियर पद पर प्रभारी हैं
- 2016 से नहीं मिला कोई प्रमोशन
कैबिनेट सचिव ने दी जानकारी
बैठक की जानकारी देते हुए कैबिनेट सचिव एस सिद्धार्थ ने बताया कि सभी विभागों में काफी लंबे समय से कर्मचारियों और पदाधिकारियों को प्रमोट नहीं किया गया है। आज भी कई जूनियर इंजीनियर कार्यपालक अभियंता के पद पर प्रभारी के रूप में काम कर रहे हैं। वहीं कई जूनियर कर्मचारियों को सीनियर का प्रभार देकर काम करवाया जा रहा है। इसके लिए उनके वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है।
जिसपर राज्य सरकार ने निर्णय लेते हुए किसी एक पद के लिए 100% में 16% अनुसूचित जाति और एक प्रतिशत अनुसूचित जनजाति यानी 17% को माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के आलोक में उसे स्थिर करने और बाकी 83% में भी 16% अनुसूचित जाति एवं 1% अनुसूचित जनजाति यानी 17% अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को आरक्षण देने का फैसला लिया है। जिसके बाद सामान्य प्रमोशन दिया जाएगा।
इन प्रस्तावों पर लगी मुहर
साथ ही कैबिनेट सचिव ने बताया कि साल 2016 से कर्मचारियों और पदाधिकारियों का प्रमोशन नहीं किया गया है। जिसके कारण आज यह वैकल्पिक रास्ता निकाला गया। साथ ही उन्होंने बताया कि कोर्ट के आदेश आने के बाद उस निर्णय के मुताबिक काम किया जाएगा। वहीं उन्होंने पूरे मामले को साफ करते हुए बताया कि अगर कोर्ट के मुताबिक में उस कर्मचारी और पदाधिकारी का प्रमोशन सही नहीं हुआ तो उसे वापस उसी पद पर लाया जाएगा। लेकिन जो पेमेंट प्रमोशन देकर दिया जाएगा उसे राज्य सरकार वापस नहीं लेगी।
इसके अलावा बैठक में किसानों से धान क्रय करने के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 में रबी फसल के लिए कुल 8 हजार करोड़ अधिप्राप्ति से जुड़े संस्थाओं को ऋण उपलब्ध कराने का फैसला लिया है। साथ ही पटना के आईजीएमएस में कुल 149 पद के सृजन पर भी सहमति जताई गई है। इसके अलावा आधारभूत संरचना योजना के माध्यम से वर्ष 2022-26 के तहत उग्रवाद प्रभावित जिलों को 37 करोड़ 83 लाख रुपये दिए जाने की मंजूरी मिली है। साथ ही बिहार के सभी सरकारी डेंटल अस्पतालों में सभी तरह की फीस निर्धारित करने की भी अनुमति दी गई है।
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