India News (इंडिया न्यूज), Bihar Cabinet Expansion : दिल्ली का किला फतह करने के बाद से बीजेपी का जोश काफी हाई है। अब पार्टी की नजरें बिहार पर हैं। आज 26 फरवरी को शाम 4 बजे नीतीश कैबिनेट का विस्तार होना है, लेकिन उससे पहले ही सीएम नीतीश ने बीजेपी को बड़ी खुशखबरी दे दी है। असल में अभी नीतीश कैबिनेट में मंत्रियों की संख्या 29 है और 7 पद खाली हैं। इनको लेकर पहले माना जा रहा था कि बीजेपी कोटे से तीन और जदयू कोटे से दो नए चेहरे मंत्रिमंडल में शामिल होंगे। लेकिन नीतीश कुमार ने कैबिनेट की सातों खाली बर्थ बीजेपी कोटे में देने के लिए हंसी-खुशी सहमति जता दी है।

इस वक्त बिहार में एनडीए की सरकार है। अलायंस में बीजेपी, जेडीयू, HAM, LJP (R) शामिल हैं। जदयू प्रमुख नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं। उनके सहयोगी के तौर पर बीजेपी कोटे से सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा डिप्टी सीएम हैं। खास बात ये है कि इसी साल बिहार में चुनाव भी होने हैं। इस फैसले के साथ ही सात नए चेहरों के साथ बीजेपी के कोटे से शामिल होने से मंत्रियों की संख्या 21 हो जाएगी।

क्या है बीजेपी की रणनीति?

राजनीतिक जानकारों की माने तो बिहार में बीजेपी सोशल इंजीनियरिंग के समीकरण फिट करने में लगी हुई है। ऐसा संदेश दिया जा रहा है कि भले मुख्यमंत्री जदयू कोटे से है, लेकिन राज्य सरकार के अंदर बीजेपी दो डिप्टी सीएम समेत 21 मंत्रियों के साथ सबसे ज्यादा वजनदार है। खबरों के मुताबिक इससे पहले जब बीजेपी और जेडीयू हाइकमान के बीच पदों को लेकर बैठक हुई थी तो उसमें ये सामने आया था कि जेडीयू का कोटा ओवर हो गया है और विधायकों के लिहाज से बीजेपी के पास मंत्रिमंडल में शामिल होने की गुंजाइश बाकी है। ऐसे में खाली सभी बर्थ बीजेपी को दिए जाने पर आम सहमति बनाई गई।

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कभी इधर, कभी उधर

नीतीश कुमार को लेकर कुछ कहा नहीं जा सकता है। कभी वो बीजेपी के साथ रहते हैं तो कभी वो महागठबंधन के साथ चले जाते हैं। साल 2020 में भी ऐसा ही कुछ हुआ था। उस वक्त बिहार में एनडीए ने सबसे ज्यादा 125 और महागठबंधन ने 110 सीटों पर जीत हासिल की थी। एनडीए में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। लेकिन, वादे के मुताबिक, बीजेपी ने नीतीश को बड़ा भाई बनाया और वो सातवीं बार सीएम बने। लेकिन 2022 में नीतीश ने बीजेपी से नाता तोड़ लिया और लालू प्रसाद यादव के साथ चले गए और महागठबंधन की सरकार में आठवीं बार सीएम बन गए।

फिर दो साल बाद 2024 में नीतीश का मन फिर बदला और वो एनडीए में वापस आ गए। उस वक्त बीजेपी ने फिर नीतीश को बड़ा भाई बनाया और सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद एक बार फिर नीतीश पर भरोसा जताया और उन्हें अपना नेता चुना। नीतीश 9वीं बार बिहार के सीएम बने। लोकसभा चुनाव में बीजेपी 17 सीटों पर लड़ी और 12 सीटों पर जीती। नीतीश की पार्टी 16 सीटों पर लड़ी और 12 सीटें जीती।

इस वक्त बिहार विधानसभा में 243 सीटें हैं और बहुमत के लिए 122 का आंकड़ा होना जरूरी है। इस समय बीजेपी के 80 विधायक हैं और जेडीयू के 44 विधायक हैं। जीतनराम मांझी की पार्टी HAM (S) के चार विधायक हैं। नीतीश कैबिनेट में अब तक कुल 6 बर्थ खाली थीं। बुधवार को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद खाली सीटों की संख्या 7 हो गई है।

ये नेता लेंगे शपथ

जिन नए मंत्रियों को पद के लिए चुना गया है उनमें दरभंगा से संजय सरावगी, बिहार शरीफ से सुनील कुमार, जाले से जीवेश मिश्रा, साहेबगंज से राजू कुमार सिंह, रीगा से मोतीलाल प्रसाद, सिकटी से विजय कुमार मंडल और अमनौर से विधायक कृष्ण कुमार मंटू का नाम शामिल है। ये सभी मंत्री शाम चार बजे शपथ लेंगे।

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