India News (इंडिया न्यूज़), Bihar Caste Survey: इसमें कोई दोराय नहीं, देश की सियासत में जाति के हिसाब-किताब से ही सत्ता का खिताब मिलता है। बिहार से लेकर उत्तर प्रदेश तक की राजनीति में जाति के गुणा-भाग को कोई नजरअंदाज नहीं कर सकता है। उदाहरण के तौर पर बिहार में लालू प्रसाद यादव को यादवों का नेता कहा जाता है। ठीक इसी तरह उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव को यादवों का अगुवा कहा जाता था। अब अखिलेश यादव को कहा जाता है।ओम प्रकाश राजभर की सियासत राजभरों को लेकर है। तो संजय निषाद की राजनीति निषादों पर निर्भर है। कुल मिलाकर जाति की राजनीति बिना जीत हासिल करना लगभग असंभव है और इसलिए कहीं न कहीं नीतीश कुमार ने बिहार में जाति जनगणना की रिपोर्ट पेश करवाई और सबको बता दिया कि किसकी कितनी आबादी है।

जाति जनगणना को लेकर देश की जनता क्या सोचती है, इसको लेकर इंडिया न्यूज़ ने अपने प्राइम टाइम शो आंकड़े हमारे, फैसला आपके में एक सर्वे कराया है। सर्वे में लोगों से 4 सवाल पूछे गए। सवालों और उनके जवाबों को आप यहां तस्वीरों में देख सकते हैं।

  • सवाल- बिहार में जाति जनगणना का असर 2024 चुनावों में क्या होगा?
  • जवाब-

  • सवाल- बिहार में जाति जनगणना के आंकड़े सामने आएं हैं, इसका फायदा किस दल को होगा?
  • जवाब-

  • सवाल- जाति जनगणना में कुर्मी-कोइरी की आबादी अनुमान से घटी, इससे क्या नीतीश कुमार को नुकसान होगा?
  • जवाब-

  • सवाल- बिहार में मुस्लिमों की तादाद 17 फ़ीसदी से ज्यादा बताई जा रही है इसका राजनीति पर क्या असर होगा?
  • जवाब-

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