बिहार शिक्षा विभाग का सुर्खियों में बने रहना एक आम बात है। अपने खराब शिक्षा स्तर को लेकर लोगों के निषाने पर बने रहना कोई नई बात नहीं है। बता दें बिहार के शिक्षा पर एक बार फिर उंगली उठाई गई है और वजह है कश्मीर। दरअसल विहार के शिक्षा विभाग ने कश्मीर को भारत से अलग करते हुए नया देश ही बना दिया है। बिहार शिक्षा बोर्ड द्वारा सरकारी स्कूलों के लिए स्थापित कक्षा सात के प्रश्न पत्र में दावा किया गया है कि कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं है, बल्कि एक अलग देश है। छात्रों से परीक्षा में यह प्रश्न पूछा गया कि पांच देशों- चीन, नेपाल, इंग्लैंड, कश्मीर और भारत के लोगों को क्या कहा जाता है। ये प्रश्न पत्र मंगलवार को जमकर वायरल हो रहा है। इसपर बीजेपी नेता संजय जायसवाल (Sanjay Jaiswal) भड़के हैं।उन्होंने जेडीयू (JDU) और आरजेडी (RJD) के गठबंधन को पीएफआई (PFI) समर्थक बताया।

संजय जायसवाल ने कही ये बात

मंगलवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए संजय जायसवाल ने कहा कि बिहार में जेडीयू और आरजेडी का गठबंधन पीएफआई समर्थक है। जेडीयू में बैठे सरकारी पदाधिकारी और आरजेडी के वोट बैंक में बैठे पीएफआई समर्थकों के नापाक गठजोड़ का नतीजा है। पहले पूरे सीमांचल क्षेत्र में हिंदी स्कूलों को शुक्रवार को बंद करना।अब बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा सातवीं कक्षा का यह प्रश्नपत्र इसका नतीजा है। यह पूछता है कि नेपाल, चाइना, इंग्लैंड , हिंदुस्तान और कश्मीर में रहने वाले को क्या कहते हैं? यह प्रश्न ही बताता है कि बिहार सरकार के सरकारी पदाधिकारी और बिहार सरकार कश्मीर को भारत का अंग नहीं मानती है।

बिहार के पूर्वांचल को स्लामिक राष्ट्र में बदलना चाहती है सरकार

बिहार सरकार के इन अफसरों का एक ही सपना है कि 2047 में बिहार के पूर्वांचल को कम से कम हम इस्लामिक राष्ट्र में बदल दें। इसका सबसे बड़ा सबूत सातवीं कक्षा का बिहार शिक्षा परियोजना परिषद का प्रश्न पत्र है जो बच्चों के दिमाग में यह डालने का काम कर रहा है कि जिस प्रकार चीन, इंग्लैंड, भारत ,नेपाल एक देश हैं वैसे ही कश्मीर भी एक राष्ट्र है।उन्होंने कहा कि रबड़ स्टांप मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यह हैसियत भी नहीं है कि इस सरकारी कर्मचारी पर कोई कार्रवाई कर सकें। पीएफआई समर्थक सरकारी कर्मचारियों के बदौलत ही वह मुख्यमंत्री हैं।

छात्रा ने कही ये बात

छात्रा से बात करने पर उसने कहा “परीक्षा का पहला प्रश्न ही देश के लोगों को लेकर था।कश्मीर देश नहीं बल्कि एक राज्य है।”

इसे एक मानवीय चूक माना जा सकता है

शिक्षाविद्प्र पंकज झा से बात करने पर उन्होने ने कहा “प्रश्न पत्र विद्यालय स्तर पर नहीं होता यह शायद राज्य स्तर पर ही होता है। यह सर्व शिक्षा अभियान द्वारा दिया गया है और यह राज्य स्तर पर होता है। इसे एक मानवीय चूक माना जा सकता है। हमने बच्चों को बताया है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है”