India News (इंडिया न्यूज), Bihar Politics: केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने पिछले कुछ दिनों में केंद्र सरकार के कई अहम फैसलों पर सवाल उठाए हैं। यही वजह है कि उनके बयानों के बाद अब बीजेपी चिराग पर लगाम कसने की तैयारी में है। वहीं, बीजेपी एक बार फिर से चिराग के चाचा पशुपति पारस को एनडीए में सक्रिय करने के बारे में सोच सकती है। अब सवाल ये है कि क्या पीएम मोदी के हनुमान चिराग पासवान के सामने अपने चाचा पशुपति पारस को ताकतवर बनाने की योजना बना रही है? हाल के महीनों में राजनीति से दूर रहे पशुपति पारस को बीजेपी जल्द ही किसी राज्य का राज्यपाल या यहां तक कि एक महत्वपूर्ण केंद्रीय परिषद का अध्यक्ष भी बना सकती है।
चिराग पासवान के विरोध में क्यों भाजपा?
बीते कुछ दिनों में चिराग पासवान ने केंद्र सरकार के कई अहम फैसले पर, जैसे कि सरकारी नौकरी में लैटरल एंट्री और वक्फ बिल का विरोध किया था। केवल यही नहीं सुप्रीम कोर्ट के अनुसूचित जाति और जनजाति कोटा में सभी कैटेगरी और क्रीमी लेयर को चिन्हित करने के फैसले का भी चिराग ने विरोध किया था। यह साफ है की सरकार के फैसलों के विरोध से बीजेपी असुविधाजनक महसूस कर रही है। यही कारण है कि चिराग को रोकने के लिए पशुपति पारस को फिर से सक्रिय किया जा रहा है। चिराग की उनके चाचा से पुरानी दुश्मनी है। पशुपति को बड़े पद पर बैठा कर केंद्र चिराग को संदेश देना चाहती है वे सरकार के फैसलों में दखलअंदाजी न करें।
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राजनीति के कोर पर हैं पशुपति पारस
अगर पशुपति पारस की बात करें तो वह पिछले कुछ महीनों से राजनीति के कोर पर हैं। एनडीए का हिस्सा होते हिए भी 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने पशुपति को लड़ने के लिए एक भी सीट नहीं दी थी। हालांकि, पशुपति पारस ने अपनी नाराजगी तो जताई थी, पर फिर भी वे एनडीए का हिस्सा बने हुए थे। कुछ समय पहले पारस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात की थी, जिसके बाद से ये कयास लगाए जा रहे हैं कि उनको किसी बड़े पद पर बैठाए जाने की संभावना है।
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