India News (इंडिया न्यूज), Bihar Politics: चिराग पासवान की पार्टी के साथ खिलवाड़ हो सकता है। बिहार में मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी के विधायक मुकेश रोशन के इस दावे से हड़कंप मच गया है। मुकेश रोशन ने कहा है कि बीजेपी ने चिराग पासवान के तीन सांसदों को अपने पाले में करने की पहल शुरू कर दी है। ऐसे में कई तरह के सवाल उठने लगे हैं, क्या केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान का मोदी सरकार से मोहभंग हो गया है? क्या वाकई बीजेपी चिराग के सांसदों को तोड़ने जा रही है? तो चलिए जानते हैं क्या है पूरा मामला।

RJD विधायक मुकेश रोशन ने किया बड़ा दावा

दरअसल, आरजेडी विधायक मुकेश रोशन ने पार्टी में टूट का दावा किया है। कहा है कि बहुत जल्द नतीजा आएगा कि एलजेपी रामविलास के तीन सांसद बीजेपी में समाहित हो जाएंगे। बीजेपी का इतिहास यही रहा है। उन्होंने कई विधायकों को अपने खेमे में ला दिया है। विकासशील इंसान पार्टी को खत्म करने का काम किया। अब बारी एलजेपी की है। जब भी चिराग पासवान अपना गुस्सा दिखाते हैं तो वो लोग उनका इलाज शुरू कर देते हैं। हालांकि इस पूरे मामले पर एलजेपी रामविलास के प्रवक्ता राजू तिवारी ने कहा है कि इस तरह के बयान का कोई मतलब नहीं है। वह ऐसी बातों का जवाब देना उचित नहीं समझते।

विपक्ष ने किया विभाजन का दावा

लोजपा रामविलास की पार्टी में विभाजन हुआ हो या नहीं, लेकिन इस दावे के पीछे कई कारण हैं, जिसकी वजह से ऐसा बयान दिया गया है। दरअसल चिराग पासवान केंद्र में मंत्री हैं। वह पिछले कुछ दिनों से मोदी सरकार की लाइन के खिलाफ जा रहे हैं। उन्होंने कई फैसलों का विरोध किया है। ऐसे में विपक्ष इसे हवा देने की कोशिश कर रहा है।

IIT JAM 2025 के लिए कब से शुरू होंगी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया? जानें पूरी डिटेल्स

इन पांच वजहों से उठ रहे हैं सवाल

  • चिराग पासवान ने कोटा के भीतर कोटा को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध किया। उन्होंने अपना फैसला केंद्र सरकार के फैसले से अलग रखा।
  • हाल ही में लैटरल एंट्री के जरिए 45 पदों को भरा गया। इस पर उन्होंने खुलकर बात की। उन्होंने केंद्र को घेरा। बाद में इस फैसले को रद्द करना पड़ा।
  • जब केंद्र सरकार की ओर से वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश किया गया, तो इसका विरोध हुआ। वक्फ बोर्ड विधेयक को जेपीसी को भेजने की मांग की।
  • उन्होंने झारखंड में चुनाव लड़ने का ऐलान किया। 25 अगस्त को उन्होंने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक की। उन्होंने यह भी कहा कि अगर बात नहीं बनी तो वे वहां अकेले चुनाव लड़ने को तैयार हैं।
  • जाति जनगणना को लेकर वे विपक्ष के सुर में सुर मिला चुके हैं।

फूट के दावों पर चिराग ने क्या कहा?

वहीं, तमाम दावों के बीच चिराग पासवान ने गुरुवार (29 अगस्त) को पार्टी में फूट को लेकर उठ रहे सवाल पर प्रतिक्रिया दी। चिराग ने कहा कि कांच की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती। मेरी पार्टी के सांसदों ने खुद सफाई दी है। जब मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया था, तब भी यही लोग सहमत थे। जिन लोगों को लगता है कि इस तरह की सोच या अफवाह को हवा देकर चिराग पासवान डर जाएंगे, तो यह कांच की हांडी बार-बार नहीं चढ़ेगी।

भारतीयों से ममता दीदी को इतनी नफ़रत क्यों? जीतन राम मांझी ने साधा निशाना, बोले- ‘गीदड़ के हूंकार भरने से शेर…’