India News (इंडिया न्यूज़), BJP, दिल्ली: बीजेपी के सहयोगी दल लगातार उससे अलग होते जा रहे है। बीजेपी भी इसको लेकर चिंतित है। अब पार्टी (BJP) सहयोगी को साधने और एनडीए को मजबूत करने मे जूट गई है। हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह ने आंध्र प्रदेश की तेलुगु देशम पार्टी के प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू से मुलाकात की। नायडू की पार्टी 2014 से 2019 के बीच एनडीए की हिस्सा थी।
- नायडू से की मुलाकात
- पुराने सहयोगियों पर फोकस
- कई दल छोड़ चुके है साथ
2019 में पार्टी सरकार से अलग- अलग हो गई थी। अब ऐसी संभावना है की पार्टी एक बार फिर एनडीए का हिस्सा बन सकती है। बीजेपी लगातार यह प्रयास कर रही है कि पुराने सहयोगी उसके साथ आए। 2014 और 2019 में बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिला था। इसका बाद आरोप लगता रहा कि पार्टी ने अपने सहयोगियों का सम्मान नहीं किया।
कौन-कौन हुआ अलग
महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना का काफी लंबे समय तक गठबंधन रहा लेकिन उसके बाद शिवसेना कांग्रेस के साथ मिल गई और सरकार बना लिया। शिंदे की अगुवाई में बीजेपी ने शिवसेना को तोड़ दिया। अब शिवसेना के दो गुट है, एक उद्धव गुट और एक शिंदे गुट। पंजाब में भी भारतीय जनता पार्टी की सबसे पुरानी सहयोगी अकाली दल ने कृषि कानूनों के लेकर खुद को भारतीय जनता पार्टी से अलग कर लिया था।
विश्वासघात का आरोप
आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने के मामले में तेलुगु देशम पार्टी ने खुद को एनडीए से अलग कर लिया था। बिहर में जनता दल यूनाइटेड भी एनडीए से अलग हो चुकी है। शिवसेना, जेडीयू, गोरखा जनमुक्ति मोर्चा और जनसेना जैसे दलों ने एनडीए का आरोप है कि एनडीए के साथ रहते हुए उसे कमजोर करने की कोशिश की गई और उनके साथ विश्वासघात किया गया।
यह भी पढ़े-
- पीएम मोदी ने 70 हजार युवाओं को दी सौगात, कहा- ‘भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य है’
- युवक की मौत होने पर ग्रामीणों ने किया बवाल, शरारती तत्वों ने किया पुलिस बल पर पथराव, जानिए क्या है मामला