India News (इंडिया न्यूज), UP: यूपी विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ‘मोना’ ने विधानसभा में वेतन और विधायक निधि में बढ़ोतरी की मांग की। सत्ता पक्ष के विधायकों ने भी मेज थपथपाकर उनकी मांग का समर्थन किया और कुंडा विधायक राजा भैया ने उनका समर्थन किया।

आराधना मिश्रा मोना ने कही यह बात

कांग्रेस विधायक आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि मैं एक और अनुरोध करना चाहूंगी कि हमने विधायक निधि में जीएसटी का मुद्दा कई बार उठाया है। जीएसटी के बाद हमारी 5 करोड़ की विधायक निधि में से हमें सिर्फ 4 करोड़ 6 लाख रुपये ही मिलते हैं, एक करोड़ का करीब 18 फीसदी जीएसटी में कट जाता है। अगर क्षेत्र की जनता हमसे 5 करोड़ रुपये का हिसाब मांगे तो इस पर पुनर्विचार करें। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आज दंत चिकित्सक और हड्डी रोग विशेषज्ञ दोनों बैठे हैं।

राजा भैया ने किया समर्थन

राजा भैया ने कांग्रेस विधायक का किया समर्थन इसके साथ ही कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ ​​राजा भैया ने भी कांग्रेस विधायक के इस मुद्दे का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि मैं समय की नजाकत को समझता हूं, जब आराधना मिश्रा मोना ने विधायकों के वेतन-भत्तों की बात कही, लॉबी में यही चर्चा चल रही थी। तभी वित्त मंत्री ने पीछे मुड़कर देखा और यह मामला दब गया।

नजूल संपत्ति विधेयक को लेकर कही यह बात

इससे पहले कल बुधवार (31 जुलाई) को विधानसभा में कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ‘मोना’ ने नजूल संपत्ति विधेयक 2024 को जनविरोधी बताया था। कांग्रेस विधायक ने कहा था कि यह विधेयक प्रदेश के लाखों लोगों को बेघर करने वाला है और इस कानून का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग होगा। वहीं, आराधना मिश्रा मोना को कुंडा विधायक रघुराज प्रताप उर्फ ​​राजा भैया का भी समर्थन मिला था। उन्होंने कहा था कि गरीबी का दायरा क्या है? प्रयागराज के सागरपेशा में ऐसा कोई गरीब नहीं है, जो अंत्योदय योजना के पैमाने पर खरा उतरता हो।

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