India News (इंडिया न्यूज), Nishikant Dubey Comment On CJI : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता निशिकांत दुबे ने शनिवार (19 अप्रैल) को आरोप लगाया कि देश में ‘धार्मिक युद्धों को भड़काने’ के लिए भारत का सर्वोच्च न्यायालय जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि अगर सर्वोच्च न्यायालय को कानून बनाना है तो संसद भवन को बंद कर देना चाहिए। दुबे ने मीडिया से कहा, “शीर्ष न्यायालय का एक ही उद्देश्य है ‘मुझे चेहरा दिखाओ, मैं तुम्हें कानून दिखाऊंगा’। सर्वोच्च न्यायालय अपनी सीमाओं से परे जा रहा है।
अगर किसी को हर चीज के लिए सर्वोच्च न्यायालय जाना है, तो संसद और राज्य विधानसभा को बंद कर देना चाहिए।” भाजपा सांसद दुबे ने कहा, “भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना इस देश में हो रहे सभी गृहयुद्धों के लिए जिम्मेदार हैं।”
‘संसद को सभी कानून बनाने का अधिकार’
“एक धारा 377 थी जिसमें समलैंगिकता को बहुत बड़ा अपराध माना गया था। ट्रंप प्रशासन ने कहा है कि इस दुनिया में केवल दो लिंग हैं, या तो पुरुष या महिला…चाहे हिंदू हो, मुस्लिम हो, बौद्ध हो, जैन हो या सिख हो, सभी मानते हैं कि समलैंगिकता एक अपराध है। एक सुबह सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस मामले को खत्म करते हैं…अनुच्छेद 141 कहता है कि हम जो कानून बनाते हैं, जो फैसले देते हैं, वे निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लागू होते हैं।
उन्होंने कहा, अनुच्छेद 368 कहता है कि संसद को सभी कानून बनाने का अधिकार है और सुप्रीम कोर्ट को कानून की व्याख्या करने का अधिकार है। शीर्ष अदालत राष्ट्रपति और राज्यपाल से पूछ रही है कि वे बताएं कि उन्हें विधेयकों के संबंध में क्या करना है। जब राम मंदिर या कृष्ण जन्मभूमि या ज्ञानवापी आती है, तो आप (SC) कहते हैं ‘हमें कागज दिखाओ’। मुगलों के आने के बाद जो मस्जिद बनी है उनके लिए कहो हो कागज कहां से दिखाओ
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‘सुप्रीम कोर्ट भारत को अराजकता की ओर ले जा रहा’
दुबे ने कहा कि, “आप नियुक्ति प्राधिकारी को कैसे निर्देश दे सकते हैं? राष्ट्रपति भारत के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति करते हैं। संसद इस देश का कानून बनाती है। आप उस संसद को निर्देश देंगे?…आपने नया कानून कैसे बना दिया? किस कानून में लिखा है कि राष्ट्रपति को तीन महीने के भीतर फैसला लेना है? इसका मतलब है कि आप इस देश को अराजकता की ओर ले जाना चाहते हैं। जब संसद बैठेगी, तो इस पर विस्तृत चर्चा होगी,” ।
‘संसद को बंद कर देना चाहिए’
इससे पहले आज, हिंदी में एक्स पर एक पोस्ट में निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट की आलोचना करते हुए कहा, “अगर सुप्रीम कोर्ट कानून बनाता है, तो संसद भवन को बंद कर देना चाहिए।” उनकी यह टिप्पणी वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के बीच आई है।
गौरतलब है कि केंद्र ने 17 अप्रैल को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया था कि वह किसी भी ‘वक्फ-बाय-यूजर’ प्रावधान को रद्द नहीं करेगा और बोर्ड में किसी भी गैर-मुस्लिम सदस्य को शामिल नहीं करेगा। यह आश्वासन शीर्ष अदालत द्वारा कानून के उन हिस्सों पर रोक लगाने पर विचार करने के एक दिन बाद आया है।
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