India News (इंडिया न्यूज), BJP On Murshidabad violence : वक्फ कानून को लेकर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में भड़की हिंसा को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यों की कमेटी बनाई थी, जिसने अपनी रिपोर्ट सौंप दी गई थी। अब इसको लेकर बीजेपी ने टीएमसी पर बड़ा आरोप लगाया है। बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि तृणमूल कांग्रेस ने हिंसा के दौरान हिंदुओं को चुन-चुनकर निशाना बनाया था।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी के दिग्गज नेता सुधांशु त्रिवेदी ने ममता बनर्जी की पार्टी पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि, टीएमसी, इंडिया गठबंधन और धर्मनिरपेक्षता के कथित चैंपियंस के चेहरे से नकाब उतर गया है। जो लोग कहते थे कि पाकिस्तान से युद्ध करने की क्या जरूरत है, सिर्फ आतंकियों पर कार्रवाई हो, उनमें से किसी ने ये नहीं कहा कि हिंदुओं के खिलाफ हिंसा करने की क्या जरूरत है।”

रिपोर्ट में टीएमसी नेता और एमएलए का नाम – BJP

सुधांशु त्रिवेदी ने आगे कहा कि, टीएमसी ने उस समय प्रचार किया था कि इस हिंसा में बाहरी लोग शामिल हैं। रिपोर्ट में टीएमसी नेताओं और विधायकों के नाम सामने आए हैं। कहा गया है कि स्थानीय पार्षद महबूब आलम के निर्देश पर 11 अप्रैल को दोपहर 2 बजे से हिंसा हुई और पुलिस-प्रशासन ने कुछ नहीं किया। 113 घर तोड़ दिए गए, लोग पलायन करने को मजबूर हो गए। जब ​​ग्रामीणों ने मदद की गुहार लगाई तो पुलिस ने कुछ नहीं किया।

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि हिंसक भीड़ में शामिल लोगों ने जानबूझ कर अपने चेहरे नकाब से ढके हुए थे ताकि उनकी पहचान न हो सके। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि स्थानीय पार्षद महबूब आलम दंगाइयों के साथ मौजूद थे और उन्हीं के इशारे पर हमला किया गया

ममता सरकार पर तीखा हमला

बीजेपी की तरफ से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी तीखा हमला बोला गया। सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि, राज्य की सरकार पूरी तरह हिंदू विरोधी मानसिकता से काम कर रही है। हिंदुओं को सुरक्षा देने की बजाय ममता सरकार हिंसक तत्वों को संरक्षण दे रही है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी अब अपने उन नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई करेंगी जो इस हिंसा में शामिल थे?

राज्य पुलिस रही घटनास्थल से गायब – BJP

बीजेपी ने बंगाल पुलिस पर भी सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि जब हिंसा हुई, तब पुलिस पूरी तरह से निष्क्रिय रही और घटनास्थल से गायब रही। इससे यह साफ होता है कि या तो राजनीतिक दबाव में पुलिस को निष्क्रिय रहने को कहा गया या फिर वह इस साजिश में शामिल थी। रिपोर्ट में कुछ प्रत्यक्षदर्शियों के बयान भी शामिल हैं, जिन्होंने कहा कि हमलावरों ने धर्म के आधार पर लोगों को निशाना बनाया और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया।

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