India News (इंडिया न्यूज)BrahMos-II: भारत और रूस की साझेदारी में विकसित ब्रह्मोस मिसाइल न केवल एक शक्तिशाली हथियार है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक विरासत और सामरिक ताकत का प्रतीक भी है। इसका नाम भारत की ब्रह्मपुत्र नदी और रूस की मोस्कवा नदी से लिया गया है, जो दोनों देशों की मित्रता को दर्शाता है। ब्रह्मपुत्र नदी हिंदू धर्म के निर्माता भगवान ब्रह्मा से संबंधित है, और ब्रह्मोस मिसाइल भारतीय महाकाव्यों में वर्णित ब्रह्मास्त्र से जुड़ी है, जो एक अचूक और शक्तिशाली हथियार था। यह मिसाइल युद्ध का हथियार नहीं है, बल्कि नियंत्रित शक्ति और नैतिक संयम का प्रतीक है।
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दुश्मन पर तेजी से करती है अटैक
बता दें, ब्रह्मोस मिसाइल अपनी सुपरसोनिक गति (मैक 2.8 से 3.0) और अपनी बेहद सटीकता के लिए जानी जाती है। यह सामान्य क्रूज मिसाइलों की अपेक्षा में तीन गुना तेज है, जिससे दुश्मन को जवाबी उत्तर देने का पल भर भी समय नहीं मिलता। इसकी सटीकता इतनी जबरदस्त है कि यह कुछ मीटर के अंतर से टारगेट को भेद सकती है। यह इसे सर्जिकल स्ट्राइक और उच्च मूल्य वाले लक्ष्यों को निशाना बनाने के लिए आदर्श बनाता है।
नई तकनीक ने इसे बनाया बेहद घातक
हाल ही में ब्रह्मोस कार्यक्रम में कई बड़े बदलाव हुए हैं। हाइपरसोनिक वर्जन ब्रह्मोस-2 पर काम चल रहा है, जिसकी स्पीड मैक 6 से 7 होगी। इसके अलावा मिसाइल की रेंज 290 किलोमीटर से बढ़ाकर 450-800 किलोमीटर कर दी गई है। मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम (MTCR) में भारत के शामिल होने के बाद यह बदलाव संभव हो पाया है। मिसाइल में नई तकनीक के साथ स्टेल्थ और मैन्युवरेबिलिटी को भी बढ़ाया जा रहा है, ताकि यह आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम को चकमा दे सके। हाल ही में इसका परीक्षण बंगाल की खाड़ी में 12 से 15 अप्रैल 2025 तक किया गया, जिसमें 800 किलोमीटर की रेंज हासिल की गई। अगला परीक्षण नवंबर 2025 में होगा, जिसमें स्टेल्थ और सटीकता को और बेहतर किया जाएगा।
ब्रह्मोस मिसाइल कई कारणों से गेम-चेंजर है
- सुपरसोनिक स्पीड: इसकी स्पीड के कारण इसे इंटरसेप्ट करना मुश्किल है।
- सटीकता: यह परमाणु सुविधाओं, सैन्य कमान केंद्रों और अन्य महत्वपूर्ण लक्ष्यों पर सटीक निशाना साध सकता है।
- लंबी दूरी: यह दुश्मन के इलाके में गहराई तक हमला कर सकता है।
- परमाणु और पारंपरिक पेलोड: यह पारंपरिक और परमाणु दोनों तरह के हथियार ले जा सकता है, जो इसे रणनीतिक और निवारक के लिए महत्वपूर्ण बनाता है।
भारत की शक्ति का प्रतीक BrahMos-II
ब्रह्मोस महज एक मिसाइल नहीं है, बल्कि भारत की तकनीकी उन्नति, रक्षा स्वायत्तता और वैश्विक साझेदारी का प्रतीक है। यह मिसाइल भारत की सांस्कृतिक पहचान और रणनीतिक इरादों को दुनिया के सामने पेश करती है। आने वाले समय में इसके नए संस्करण भारत की रक्षा क्षमताओं को और मजबूत करेंगे।