नई दिल्ली।(Modi government before the budget session called an all-party meeting) अगले साल 2024 के आम चुनाव से पहले मोदी 2.0 सरकार का यह आखिरी पूर्ण बजट होगा लेकिन उससे पहले सरकार ने सोमवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। यह बैठक संसद भवन परिसर में होगी। संसद के हर सत्र से पहले इस प्रकार की बैठक आयोजित होती रही है। आगामी 31 जनवरी को आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट भी पेश होनी है। इससे पहले केंद्रीय संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा था कि संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होगा जो 6 अप्रैल तक चलेगा। उन्होंने साथ ही कहा था कि इस दौरान 66 दिनों में 27 बैठकें आयोजित होंगी।
66 कार्यदिवस, 27 बैठक
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी के मुताबिक संसद का 2023 बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होकर अगले महीने 6 अप्रैल तक चलेगा। जिसमें कुल 27 बैठकें होंगी। कार्यदिवस का समय 66 दिनों का होगा। अमृत काल के बीच राष्ट्रपति के अभिभाषण, केंद्रीय बजट और अन्य मदों पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा की प्रतीक्षा है। उन्होंने कहा था कि सत्र के दौरान 14 फरवरी से 12 मार्च तक अवकाश रहेगा। ताकि विभाग संबंधित संसदीय स्थायी समितियां अनुदान मांगों की जांच कर सकें और अपने मंत्रालयों या विभागों से संबंधित रिपोर्ट तैयार कर सकें।
विपक्षी दलों के मुद्दे और सुझाव
ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि विपक्षी दल इस बैठक में सरकार के सामने आम लोगों से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे और अपने सुझाव भी सरकार को दे सकती है।
यूनियन बजट है क्या?
केन्द्र सरकार देश में हर साल यूनियन बजट पेश करती है। कई नई योजनाओं और नियमों के साथ नए वित्तीय वर्ष के लिए तैयार किया गया लेखा-जोखा आने वाले साल में देश के खर्चों और निवेश का ब्योरा देता है। हर बार वित्त मंत्री द्वारा इसे 1 फरवरी को पेश किया जाता है। जो यह 1 अप्रैल से 31 मार्च तक के लिए लागू होता है।ज्यादातर लोगों की रुचि यह जानने में होती है कि पेश किए गए बजट में क्या खास है? इस बजट में क्या सस्ता हुआ और क्या महंगा? यह सिर्फ एक सामान्य बजट नहीं होता, बल्कि इसमें पूंजी बजट और राजस्व बजट दोनों शामिल होते हैं।