India News(इंडिया न्यूज),Bursting Crackers: दिवाली पर पिछले कुछ वर्षों से लगातार प्रदूषण का साया मंडरा रहा है। जिसके बाद इस साल भी पटाखे जलाने के लिए समय सीमा निर्धारित कर दी गई है। जानकारी के लिए बता दें कि, हाईकोर्ट के द्वारा जारी निर्देश के अनुसार बीएमसी ने एक बड़ा फैसला लिया है। जिस पर बीएमसी का कहना है कि, दिवाली पर रात आठ बजे से रात 10 बजे के बीच ही सिर्फ पटाखे फोड़े जा सकते हैं। वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए फैसले का कड़ाई से पालन आवश्यक है।
कोर्ट ने लिया ये फैसला
इसके साथ ही बता दें कि, बॉम्बे हाईकोर्ट ने, हम आपातकालीन स्थिति में हैं। बहुत सारे प्रयास किए गए हैं, लेकिन शायद कुछ और करने की जरूरत है। पीठ ने छह नवंबर के अपने आदेश में संशोधन करते हुए कहा कि पटाखे फोड़ने का समय रात आठ बजे से 10 बजे तक सीमित रहेगा। जानकारी के लिए बता दें कि, अदालत कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिनमें मुंबई में बढ़ते वायु प्रदूषण के संबंध में स्वत: संज्ञान से ली गई याचिका भी शामिल थी।
ग्रीन पटाखें का कड़े उपयोग
वहीं बढ़ते प्रदूषण को मद्देनजर रखते हुए अब ग्रीन पटाखे का निजात किया गया है। जो कि, दिखने, जलाने और आवाज में सामान्य पटाखों की तरह ही होते हैं, लेकिन इनसे प्रदूषण कम होता है। बात अगर सामान्य पटाखों की करें तो इसमें 40 से 50 फीसदी तक कम हानिकारक गैस पैदा होती है। नीरी के चीफ साइंटिस्ट डॉक्टर साधना रायलू कहती हैं कि इनसे जो हानिकारक गैसें निकलेंगी, वो 40 से 50 फीसदी तक कम निकलेंगी। ऐसा भी नहीं है कि इससे प्रदूषण बिल्कुल भी नहीं होगा। पर हां, ये कम हानिकारक पटाखे होंगे।
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