Climate Change: भारत ने पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन की दिशा की ओर अपने लक्ष्यों के बारे में संयुक्त राष्ट्र को सूचना दी है। भारत की तरफ से इसे लेकर कहा गया है कि साल 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन-आधारित ऊर्जा संसाधनों से भारत राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान यानि की एनडीसी के तहत करीब 50 फीसदी संचयी विद्युत शक्ति स्थापित क्षमता प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।

2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य करेगा हासिल

इसके साथ ही अब तक भारत 2005 के स्तर से 2030 तक घरेलू उत्पाद की उत्सर्जन तीव्रता को 45 फीसदी तक कम करेंगा। इसे लेकर भारत की तरफ से कहा गया है कि 2070 तक वह शुद्ध शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल कर लेगा।

अंतरराष्ट्रीय वित्त की सहायता से लागू होगा मात्रात्मक लक्ष्य

संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज यानि की यूएनएफसीसीसी वेबसाइट पर अपलोड हुए कागजातों में बताया गया है कि ग्रीन क्लाइमेट फंड (जीसीएफ) के साथ-साथ प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण तथा कम लागत वाले अंतरराष्ट्रीय वित्त की सहायता से दूसरा मात्रात्मक लक्ष्य लागू कि दिया जाएगा।

आपको बता दें कि एनडीसी का अर्थ है राष्ट्रीय योजनाएं तथा अन्य किसी देश के जरिए पूर्व-औद्योगिक स्तरों से ऊपर 2 डिग्री सेल्सियस तक वैश्विक तापमान वृद्धि को बनाए रखने के अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रतिज्ञा ली गई है। जबकि जलवायु परिवर्तन के सबसे बुरे प्रभावों से बचने के लिए 1.5 डिग्री सेल्सियस का लक्ष्य होता है।

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