India News (इंडिया न्यूज़), Canada Police: कनाडा पुलिस ने पिछले साल ब्रिटिश कोलंबिया में खालिस्तानी अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से जुड़े एक कथित हिट दस्ते के सदस्यों को शुक्रवार (3 मई) को गिरफ्तार किया। सूत्रों के मुताबिक, कई महीने पहले जांचकर्ताओं ने कनाडा में संदिग्धों की पहचान की थी और एडमोंटन में 11 वर्षीय लड़के की गोली मारकर हत्या सहित कनाडा में तीन अतिरिक्त हत्याओं के संभावित लिंक की सक्रिय रूप से जांच कर रहे थे। वहीं कथित तौर पर रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस ने इसमें शामिल व्यक्तियों को पकड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, हालांकि वे टिप्पणी के लिए तुरंत उपलब्ध नहीं थे। दरअसल, हिट स्क्वाड के सदस्यों पर आरोप है कि जिस दिन ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में गुरु नानक सिख गुरुद्वारे में निज्जर की हत्या हुई थी, उस दिन उन्होंने शूटर, ड्राइवर और जासूस के रूप में अलग-अलग भूमिकाएँ निभाई थीं।
कनाडा पुलिस को मिली सफलता
बता दें कि, इन लोगों को कम से कम दो प्रांतों में पुलिस कार्रवाई के दौरान शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि उम्मीद है कि पुलिस शुक्रवार को गिरफ्तारियों की घोषणा करेगी और अपनी जांच के कुछ विवरण साझा करेगी। 45 वर्षीय निज्जर की 18 जून को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वहीं भारत ने गुरुवार को निज्जर की हत्या पर कनाडाई प्रधानमंत्री ट्रूडो की ताजा टिप्पणियों को खारिज कर दिया था। साथ ही कहा था कि ये टिप्पणियां एक बार फिर कनाडा में अलगाववाद, उग्रवाद और हिंसा को दी गई राजनीतिक जगह को दर्शाती हैं। कनाडाई पीएम ट्रूडो ने रविवार को टोरंटो में खालसा दिवस कार्यक्रम को संबोधित किया जिसमें कुछ खालिस्तान समर्थक लोगों ने भाग लिया था।
भारत ने दिया कनाडा को जवाब
पीएम ट्रूडो ने मीडिया से कहा कि पिछले साल जून में ब्रिटिश कोलंबिया में निज्जर की हत्या ने एक समस्या पैदा कर दी और वह इसे नजरअंदाज नहीं कर सकते, उन्होंने इसमें भारतीय एजेंटों की संलिप्तता के अपने पहले के आरोपों का स्पष्ट संदर्भ दिया। वहीं भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि पीएम ट्रूडो पहले भी इस तरह की टिप्पणी कर चुके हैं। उनकी टिप्पणी एक बार फिर कनाडा में अलगाववाद, उग्रवाद और हिंसा को दी गई राजनीतिक जगह को दर्शाती है। भारत ने सोमवार को कनाडाई उप उच्चायुक्त को तलब किया और ट्रूडो और कई अन्य नेताओं की मौजूदगी में कार्यक्रम में ‘खालिस्तान’ समर्थक नारे लगाए जाने पर उनके समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया। निज्जर एक खालिस्तानी अलगाववादी था और वह विभिन्न आतंकी आरोपों में भारत में वांछित था।