India News(इंडिया न्यूज), Captain Anshuman Singh Widow: 2023 में सियाचिन में आग लगने से भारतीय सैनिक स्वर्गीय कैप्टन अंशुमान सिंह देश के लिए शहीद हो चुके हैं। उनके माता-पिता और पत्नी इस वक्त मुश्किल के दौर से गुजर रहे हैं। कीर्ति चक्र और कुछ पैसों से उनके परिवार को सम्मानित किया गया। पत्नी स्मृति सिंह के हाथ में जब पुरस्कार सौंपा गया तो सभी के मन में काफी दर्द और भावुकता उमड़ी लेकिन अब उनके लिए लोगों का नजरिया बिल्कुल बदल चुका है। आपको बता दें कि अंशुमान सिंह की पत्नी पैसे और पुरस्कार लेकर ऑस्ट्रेलिया जा चुकी है। शहीद के माता-पिता ने अपनी बहू को लेकर खुलासे किए हैं। आइए इस खबर में हम आपको बताते हैं पूरी जानकारी।

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कैप्टन अंशुमान सिंह 2023 में हुए थे शहीद

जुलाई 2023 में सियाचिन में आग लगने की दुर्घटना में देश की सेवा करते हुए शहीद हुए भारतीय वीर सैनिक स्वर्गीय कैप्टन अंशुमान सिंह के माता-पिता मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। पिछले साल उन्होंने अपने बेटे को खो दिया था और इस साल अंशुमान सिंह की पत्नी स्मृति सिंह द्वारा उनके शहीद बेटे का कीर्ति चक्र और पैसे छीन लिए जाने से वे बेहद दुखी हैं। अब कैप्टन अंशुमान सिंह के पिता ने खुलासा किया है कि स्मृति केवल उनके बेटे के पैसे के पीछे थी। कैप्टन अंशुमान सिंह के माता-पिता ने खुलासा किया कि उनकी बहू ने प्यार के नाम पर उनके बेटे को धोखा दिया।

कीर्ति चक्र से किए गए सम्मानित

सैनिक की मौत के मामले में परिवार के सदस्यों को वित्तीय सहायता के लिए भारतीय सेना के निकटतम रिश्तेदार मानदंड में बदलाव की मांग करने के बाद, रवि प्रताप सिंह और उनकी पत्नी मंजू सिंह ने दावा किया कि उनकी बहू स्मृति ने उनका घर छोड़ दिया है और उनके बेटे की मौत के बाद अधिकांश लाभ प्राप्त कर रही है। उसने सेना के दस्तावेज़ में उनके बेटे के संपर्क बिंदु को भी बदल दिया है। माता-पिता, जो पहले से ही अपने बेटे की मौत से उबरने की पूरी कोशिश कर रहे थे, अब अपने बेटे का कृति चक्र वापस पाने में एक और बाधा का सामना कर रहे हैं।

माता-पिता ने बहू को लेकर किया खुलासा

कैप्टन अंशुमान के पिता ने खुलासा किया कि स्मृति ने कभी उनके बेटे से प्यार नहीं किया और उसने उन्हें धोखा दिया। पिता ने कहा कि स्मृति पुरस्कार और पैसे लेकर देश से भागने की योजना बना रही है। जिन्हें नहीं पता, उन्हें बता दें कि 7 जुलाई 2024 को स्मृति और उनकी सास को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से शांति काल का दूसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार मिला था। पिछले हफ्ते कैप्टन अंशुमान के माता-पिता ने खुलासा किया था कि उनकी बेटी पुरस्कार लेकर भाग गई है और उसने अपने बेटे का फोन नंबर भी बदल दिया है।

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पत्नी स्मृति सिंह पुरस्कार लेकर रवाना

माता-पिता ने आगे कहा कि उनकी बहू उनके साथ नहीं रहती है और उनकी शादी को सिर्फ पांच महीने हुए हैं। उन्होंने कहा था कि “NOK के लिए तय किए गए मानदंड सही नहीं हैं। मैंने इस बारे में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी बात की है। अंशुमान की पत्नी अब हमारे साथ नहीं रहती है, उनकी शादी को सिर्फ पांच महीने हुए हैं और कोई बच्चा नहीं है। हमारे पास सिर्फ अपने बेटे की एक तस्वीर है जिस पर माला लगी हुई है।”