Delhi High Court: दिल्ली हाईकोर्ट ने एक शिक्षक को हवाई अड्डे पर कारतूस ले जाने के लिए दर्ज प्राथमिकी को रद्द कर दिया, लेकिन कोर्ट ने शर्त रखी कि शिक्षक को एक महिने के लिए अपने स्कूल में कमजोर छात्रों के लिए अतिरिक्त कक्षाएं लेनी होंगी।

शिक्षा निदेशालय से किया अनुरोध

अदालत में न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने शिक्षा निदेशालय को प्राथमिक कक्षाओं में कमजोर छात्रों की पहचान करने और संबंधित स्कूल के प्रधानाचार्य से अतिरिक्त कक्षाओं के लिए एक कमरा उपलब्ध कराने का भी अनुरोध किया। ये कक्षाएं प्रत्येक कार्य दिवस पर दो घंटे के लिए आयोजित होंगी। अदालत ने आदेश की एक प्रति शिक्षा निदेशालय को भेजने का निर्देश दिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्राथमिक कक्षाओं में कमजोर छात्रों की पहचान की जा सके। अदालत ने कहा कि आईओ और स्कूल के प्रधानाचार्य उक्त तथ्य की पुष्टि करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि उपरोक्त कक्षाएं हों।

याचिकाकर्ता ने दिया था ये तथ्य

वहीं सरकारी स्कूल के शिक्षक ने प्राथमिकी को रद्द करने की मांग करते हुए कहा कि हवाई अड्डे पर उसके पास से बरामद कारतूस वर्ष 2008-2009 में उत्तराखंड के चमोली के एक स्कूल में पढ़ते समय सड़क पर मिला था और तब से उसके पास है। वह अनजाने में उसे एयरपोर्ट ले गया। जिसपर अदालत ने कहा कि वर्तमान मामला एफआईआर को रद्द करने के लिए उपयुक्त मामला है क्योंकि यह एक मात्र निरीक्षण के कारण है कि कारतूस उसके बैग में रह गया और वह जानबूझकर इसे नहीं ले गया था।

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