India News (इंडिया न्यूज), Kiru Hydropower Corruption Case : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक और पांच अन्य के खिलाफ किरू जलविद्युत परियोजना मामले में आरोपपत्र दाखिल किया है। इस मामले में 2,200 करोड़ रुपये के सिविल कार्यों के आवंटन में कथित भ्रष्टाचार शामिल है। तीन साल की जांच के बाद एजेंसी ने मलिक और पांच अन्य को आरोपी बनाते हुए एक विशेष अदालत के समक्ष अपने निष्कर्ष प्रस्तुत किए हैं।

हालांकि, मलिक ने एक्स पर एक संदेश में कहा कि वह अस्पताल में भर्ती हैं और किसी से बात करने की स्थिति में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें कई शुभचिंतकों के फोन आ रहे हैं, जिन्हें वह उठाने में असमर्थ हैं।

क्या है पूरा मामला?

सीबीआई ने पिछले साल फरवरी में मामले के सिलसिले में मलिक और अन्य के परिसरों की तलाशी ली थी। 2022 में एफआईआर दर्ज होने के बाद एक बयान में सीबीआई ने कहा था कि यह मामला 2019 में किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर (एचईपी) परियोजना के सिविल कार्यों के लगभग 2,200 करोड़ रुपये के ठेके को एक निजी कंपनी को देने में कथित गड़बड़ी से संबंधित है।

मलिक, जो 23 अगस्त, 2018 से 30 अक्टूबर, 2019 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे, ने दावा किया था कि उन्हें परियोजना से संबंधित एक फाइल सहित दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी।

पिछले साल एजेंसी द्वारा तलाशी अभियान चलाए जाने के बाद उन्होंने अपने खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों से इनकार किया था। मलिक ने कहा कि जिन लोगों के बारे में उन्होंने शिकायत की थी और जो भ्रष्टाचार में शामिल थे, उनकी जांच करने के बजाय सीबीआई ने उनके आवास पर छापा मारा।

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