Land-For-Job Scam Case: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव को CBI ने नौकरी देने के बदले जमीन घोटाले मामले में तलब किया है। जमीन के बदले रेलवे में नौकरी देने के घोटाले में लालू यादव से कल मंगलवार, 7 मार्च को सीबीआई पूछताछ करेगी। इससे पहले आज सोमवार, 6 मार्च को सुबह सीबीआई की टीम ने लालू यादव की पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से मामले में पूछताछ की है। राबड़ी देवी से CBI ने करीब 4 घंटे तक पूछताछ की।
हमारे यहां हमेशा CBI आती रहती है- राबड़ी देवी
मिली खबर के मुताबिक, इस मामले में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से पूछताछ की है। राबड़ी देवी की पूछताछ खत्म होने के बाद वह विधानसभा परिषद पहुंचीं। इस दौरान उनसे सवाल पूछने पर वह भड़क गईं। राबड़ी देवी ने कहा कि “सीबीआई आई तो क्या करें? हमारे यहां हमेशा सीबीआई आते रहती है।”
लालू यादिव समेत 14 लोगों को समन जारी
गौरतलब है कि इस मामले में अदालत ने लालू यादव, राबड़ी देवी और मीसा भारती समेत कुल 14 आरोपियों को समन जारी किया गया है। सभी को 15 मार्च को अदालत में पेश होने को कहा है। बता दें कि यह समन ऐसे समय में जारी हुआ है, जब हाल ही में लालू प्रसाद यादव सिंगापुर से अपना गुर्दा बदलवाकर वापस लौटे हैं।
क्या है पूरा मामला
बता दें कि लैंड फॉर जॉब स्कैम का यह पूरा मामला 14 साल पुराना है। जमीन के बदले नौकरी देने का ये घोटाला उस समय का है, जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे। जांच में इस बात का दावा किया गया है कि लालू प्रसाद यादव ने रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में नौकरी देने के बदले लोगों की जमीन लिखवा ली थी। 2004 से लेकर 2009 तक लालू यादव रेल मंत्री रहे थे। इस मामले में CBI ने 18 मई को केस दर्ज किया था। सीबीआई का इस स्कैम को लेकर कहना है कि लालू यादव के परिवार ने पटना में करीब 1.05 लाख वर्ग फीट जमीन पर कथित तौर पर कब्जा किया हुआ था।
कम दामों में लालू परिवार ने खरीदीं जमीनें
इन जमीनों की नकद में डील हुई थी। लालू परिवार ने नकद रुपये देकर इन जमीनों को खरीदा था। सीबीआई के अनुसार, इन जमीनों को बहुत कीमत में बेचा गया है। CBI ने अपनी जांच में पाया कि जोनल रेलवे में सब्स्टीट्यूट की भर्ती को लेकर कोई भी विज्ञापन या पब्लिक नोटिस जारी नहीं हुआ था। मगर जिन परिवारों ने लालू परिवार को अपनी जमीन दी थी, उन परिवार के सदस्यों को रेलवे में जयपुर, मुंबई, कोलकाता, हाजीपुर और जबलपुर में नियुक्ति दी गई।
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