India News (इंडिया न्यूज़), Nehru Memorial, दिल्ली: केंद्र ने हाल ही में नेहरू मेमोरियल (Nehru Memorial) म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (NMML) का नाम बदलकर प्रधान मंत्री संग्रहालय और सोसायटी करने का फैसला किया है। इसके बाद, कांग्रेस ने नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय का नाम बदलने के केंद्र के फैसले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा।
- सोसायटी ने फैसला लिया
- कांग्रेस ने साधा निशाना
- 59 साल से कर रहा काम
केंद्र की आलोचना करते हुए वरिष्ठ नेता और कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने ट्वीट किया और कहा कि संकीर्णता और प्रतिशोध का दूसरा नाम मोदी है। 59 वर्षों से अधिक समय से नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय एक वैश्विक बौद्धिक ऐतिहासिक स्थल और पुस्तकों एवं अभिलेखों का ख़ज़ाना घर रहा है।
छोटे कद का व्यक्ति
“अब से इसे प्रधानमंत्री म्यूजियम और सोसायटी कहा जाएगा। पीएम मोदी भारतीय राष्ट्र-राज्य के शिल्पकार के नाम और विरासत को विकृत करने, नीचा दिखाने और नष्ट करने के लिए क्या नहीं करेंगे। अपनी असुरक्षाओं के बोझ तले दबा एक छोटे कद का व्यक्ति स्वघोषित विश्वगुरु बना फिर रहा है।” जयराम रमेश ने कहा
सोसइटी की बैठक में फैसला
यह फैसला नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी की एक विशेष बैठक के बाद लिया गया। बैठक में प्रधान मंत्री संग्रहालय और लाइब्रेरी सोसाइटी नाम करने का फैसला किया गया।
नया संग्रहालय बना
साल 2016 में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन मूर्ति परिसर में भारत के सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित एक संग्रहालय स्थापित करने का विचार प्रस्तावित किया था। इस परियोजना को 25-11-2016 को आयोजित अपनी 162 वीं बैठक में कार्यकारी परिषद, एनएमएमएल द्वारा पास किया गया। पिछले साल 21 अप्रैल को प्रधानमंत्री संग्रहालय को जनता के लिए खोल दिया गया था।
परिवार का कोई सदस्य नहीं गया
संग्रहालय के उद्घाटन के दौरान सरकार से निमंत्रण मिलने के बावजूद नेहरू-गांधी परिवार का कोई भी सदस्य समारोह में शामिल नहीं हुआ। पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी सहित नेहरू-गांधी परिवार के तीन सदस्यों ने अतीत में भारतीय प्रधानमंत्रियों के रूप में कार्य किया है।
काफी भीड़ होती है
संग्रहालय में आजकल काफी भीड़ होती है। यह नेहरू संग्रहालय भवन से शुरू होता है जो पंडित जवाहरलाल नेहरू के जीवन और योगदान पर तकनीकी रूप से उन्नत प्रदर्शनों को दिखाता है। नए भवन में स्थापित यह संग्रहालय इस बात की कहानी बताता है कि कैसे हमारे प्रधानमंत्रियों ने विभिन्न चुनौतियों के माध्यम से देश का मार्गदर्शन किया और देश की विकास यात्रा में अपना योगदान दिया।
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